लखनऊ: 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में बीजेपी ने यूपी में अपने सांसदों के प्रति सख्त रुख अपना लिया है. प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने साफ कर दिया है कि काम न करने वाले सांसदों का टिकट काटा जाएगा. इसके साथ ही पार्टी लाइन के खिलाफ आवाज उठाने वाले दो दलित सांसदों का टिकट कटना भी तय है.
ऐसे सांसदों का टिकट काटेगी बीजेपी
सुनील बंसल ने इलाहाबाद में चुनाव संचालन समिति की बैठक की. बैठक में बंसल ने साफ कह दिया कि जिन सांसदों ने काम नहीं किया और बस गणेश परिक्रमा करते रहे, उन्हें टिकट की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए. इस बैठक में उन्होंने इलाहाबाद, फूलपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और अमेठी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा भी की. बंसल ने सांसदों और विधायकों को निर्देश भी दिया है कि बूथस्तर पर होने वाले सभी कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के साथ वे जुटें.
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इन सांसदों को झटका लगने के पूरे आसार
वैसे तो तमाम सांसदों के टिकट कटने की बात कही जा रही है, लेकिन इनमें से बहराइच की सावित्री बाई फुले और नगीना से यशवंत सिंह से बीजेपी आलाकमान खफा बताया जाता है. वजह ये है कि दोनों सांसदों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर दलितों के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा था. इसके अलावा कानपुर से मुरली मनोहर जोशी, झांसी से उमा भारती, देवरिया से कलराज मिश्र, रॉबर्ट्सगंज से छोटेलाल खरवार, लालगंज से नीलम सोनकर, मिश्रिख से अंजू बाला, हरदोई से अंशुल वर्मा, मछलीशहर से रामचंद्र निषाद और डुमरियागंज से जगदंबिका पाल के बारे में भी अच्छी रिपोर्ट प्रदेश बीजेपी को नहीं मिली है. ऐसे में इन सभी का टिकट कटने के पूरे आसार हैं.
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कई सांसद बीएसपी के संपर्क में
सूत्रों के मुताबिक कई सांसद बीएसपी के संपर्क में हैं. खासकर बीजेपी के दलित सांसदों को डर है कि टिकट कट सकता है. इस वजह से उन्होंने बीएसपी से गलबहियां करनी शुरू कर दी हैं. इसका उदाहरण इससे भी समझा जा सकता है कि सावित्री बाई फुले ने दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर अपने बयानों से बीएसपी का साथ दिया था और ये भी कहा था कि अगर बीजेपी आलाकमान उनका टिकट काटता है, तो काटे. वो दलितों के मुद्दे पर जुबान सिलकर नहीं बैठने वाली हैं. हालांकि, ताल ठोकने के बाद से सावित्री बाई का कोई ताजा बयान अब तक नहीं आया है.