सांसद श्यामाचरण गुप्त का बीजेपी से मोह भंग, इस पार्टी से बढ़ा रहे हैं करीबी

प्रयागराजः मोदी मैजिक दोहराने के बेताब बीजेपी ने मौजूदा कई सांसदों की छुट्टी करने का मन बना लिया है। इसीलिए जिन नेताओं को भनक लग रही है वो पार्टी के खिलाफ मुंह खोलने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे हैं। इसी कड़ी में 2014 चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में आए बीड़ी किंग और मौजूदा सांसद श्यामाचरण गुप्त ने अब फिर से नए ठीकाने की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि बीते कुछ दिनों में जिसतरह कांग्रेस और सपा की वो तारीफ करने में जुटे हैं, और बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। उससे इस आशंका को बल मिला है।

श्यामाचरण गुप्ता के होटल में रुके रामगोपाल

श्यामाचरण गुप्त ने हाल ही में सपा महासचिव रामगोपाल यादव से भेंट भी कर चुके है। रामगोपाल एक कार्यक्रम के सिलसिले में प्रयागराज पहुंचे थे। मुलाकात में क्या बात हुई ये तो सार्वजनिक नहीं हुआ, वहीं श्यामाचरण का बीजेपी से मोहभंग होने की गंध आनी शुरु हो गई है। रामगोपाल यादव को पहले सर्किट हाउस में रुकना था, लेकिन वो भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्ता के होटल कान्हा श्याम में आकर रुके। भाजपा सांसद की रामगोपाल यादव से मुलाकात के राजनीतिक पहलुओं को तलाशा जा रहा है। हालांकि भाजपा सांसद का कहना है कि नेत्रालय के मालिक ने उन्हें कार्यक्रम में आने के लिए आमंत्रित किया था। इसलिए वह समारोह में शामिल होने के लिए आए थे।

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थरुर के बयान का किया समर्थन

श्यामाचरण गुप्ता बीजेपी को नाराज करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में शशि थरुर के बयान का श्यामाचरण ने भरपूर समर्थन किया है। जिसमें शशि थरुर ने कहा था कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ही बदौलत देश में चाय वाला प्रधानमंत्री बना है। जिसके बाद श्यामाचरण गुप्ता ने पंडित नेहरू को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा व महान नेता बताया था, तो साथ ही यह भी कहा है कि शशि थरूर का यह बयान पूरी तरह सही है कि नेहरू की नीतियों की वजह से ही आज मोदी जैसे आम नागरिक भी देश के पीएम बन पाए।

श्यामाचरण के बागी बोल

यूपी के कन्नौज में भी श्यामाचरण गुप्ता ने व्यापारियों को बगावत करने की सलाह दे चुके हैं। वैश्य समाज के कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि बीजेपी में उनकी कोई सुन नहीं रहा। सब अपने अपने में लगे हैं। बीजेपी आने वाले चुनाव में टिकट दे या न दे चुनाव जरूर लड़ना। इस दौरान उन्होंने कहा कि अखिलेश के बुलावे में यादव, माया के बुलाने से दलित भागे चले आते हैं। वैश्य अपने नेता का साथ नहीं देंगे तो कौन सुनेगा।

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सपा में जाने की संभावना

सपा महासचिव से मुलाकात और बागी सुर श्यामाचरण गुप्त के फिर से समाजवादी होने की संभावना को बल दे रहे हैं। इससे पहले सपा के टिकट पर वो बांदा लोकसभा सीट से सांसद बने थे। बाद में उन्होंने किनारा करके 2014 में बीजेपी में ठिकाना ढूंढ लिया था।

क्या कहते हैं बागी बयान

इलाहाबाद की सियासत को कई सालों तक करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अशोक चतुर्वेदी के मुताबिक
“श्यामाचरण गुप्ता स्वभाव से व्यापारी है, और नफा नुकसान जानते हैं। सपा से उनकी पुरानी करीबी रही है, इलाहाबाद में इसबात की चर्चा जोरों पर है कि वो फिर से सपाई हो सकते हैं। जबकि बीजेपी ने नए प्रत्याशी पर दांव लगाने की तैयारी में है। जिसकी भनक शायद श्यामाचरण गुप्ता को लग गई है”.
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