लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली महोनहरजोशी, विनय कटियार, उमा भारती, कल्याण सिंह, बीजेपी के वो नाम जिन्होंने साल 1992 में राम मंदिर आदंलोन में अहम भूमिका निभाई थी. आज बाबरी विध्वंस की 26वीं वरसी है. 26 साल में सरयू में काफी पानी बह चुका है. ऐसे में यह जान लेना जरूरी है आज यह नेता कहां है और बीजेपी के लिए क्या भूमिका निभा रहे है. क्योंकि बीजेपी राम मंदिर आदोलन के बाद 2 सीट से सीधे 85 सीट पर पहुंच गई थी.
रथ यात्रा से तैयार हुआ था माहौल
बाबरी विध्वंस की कहानी लाल कृष्ण आडवाणी का नाम लिए बगैर पूरी नहीं होती. क्योंकि लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर अंदोलन को धार देने के लिए 1990 में सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथ यात्रा निकाली. इसी रथ यात्रा से पूरे देश में राममय माहौल तैयार हुआ था.
रथ यात्रा के समय पूरे देश की राजनीति बड़ी तेजी से बदली थी. वही लाल कृष्ण आडवाणी आज एक सांसद है. और बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में हैं. बाबरी विध्वंस के दौरान आडवाणी आयोध्या में ही मौजूद थे. बाबरी विध्वंस में वो भी आरोपी है और मामला अभी कोर्ट में है.
कल्याण सिंह की गई थी सरकार
राम मंदिर आंदोलन के दूसरे सबसे बड़े चेहरे थे कल्याण सिंह. साल 1992 में कल्याम सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. बाबरी विध्वंस के बाद केंद्र सरकार ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया था. कल्याण सिंह की सरकार पर राज्य में कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदार थी. लेकिन 6 दिंसबर के दिन अयोध्या में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी.
कल्याण सिंह मुलायम सिंह के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. कल्याण सिंह वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल है. कल्याण सिंह की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था. कि वो मस्जिद नहीं गिरने देंगे पर फिर भी कारसेवक मंदिर गिरा गए थे. कल्याण सिंह ने सरकार बर्खास्त होने के बाद कहा था कि सरकार मंदिर के नाम पर बनाई गई थी और उसका मकसद पूरा हुआ.
राम मंदिर आंदोलन में मुरली मनोहर जोशी पर भी आरोप है. मुरली मनोहर जोशी अभी मौजूद लोकसभा में सांसद है. बीजेपी ने इन्हें भी मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर रखा है. मुरली मनोहर जोशी के पास अभी कोई मंत्री पद नहीं है.
उमा भारती को मिली थी पहचान
उमा भारती राम मंदिर आदोलन की एकमात्र ऐसी नेता है जिन्हें मोदी सरकार में कोई मंत्री पद दिया गया है. उमा भारती अभी जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री है. उमा भारती को राजनीतिक पहचान मंदिर आदोलन के बाद ही मिली. हिंदुत्व की चेहरा बन चुकी उमा की बीजेपी की फायर बिग्रेड नेता है. बाबरी विध्वंस मामले में उन्हें भी आरोपी बनाया गया है. उमा भारती ने बीते दिनों ही ऐलान किया है कि वो 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी.
साल 1992 के पहले से ही विनय कटियार की छवी कट्टर हिंदुत्व की मानी जाती थी. विनय कटियार पर आरोप है कि उन्होंने कारसेवकों को बाबरी मस्जिद तोड़ने के लिए उकसाया था. राम मंदिर के लिए कटियार ने शुरूआत से ही अपने तेवर सख्त रखे थे. और आज भी उनके तेवर वैसे ही है. विनय कटियाय 16वीं लोकसभा के सांसद है. उनके पास कोई मंत्री पद नहीं है. न ही संगठन में उनके पास कोई जिम्मेदारी है.
नरेंद्र मोदी के पास थी अहम जिम्मेदारी
इन सभी नामों में एक नाम सबसे खास है वो है नरेंद्र मोदी का. नरेंद्र मोदी राम मंदिर आदोलन के कोई नेता नहीं थे. लेकिन उन्होंने इस आंदलोन में एक अहम भूमिका निभाई थी. राम मंदिर आदोलन को धार लाल कृष्ण आडवाणी के रथ यात्रा से मिली थी. यह रथ यात्रा सोमनाथ से चलकर अयोध्या पहुंची थी. इस रथ यात्रा के संचालन की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी से पास थी. नरेंद्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री है.