मध्यप्रदेश- लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों में हार के बाद अब बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव भी चुनौती बनते नजर आ रहे हैं. जहां विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़कर की तैयारी में हैं वहीं बीजेपी को मध्यप्रदेश की सीटों पर अपने उम्मीदवार चेहरे कमजोर नजर आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में करीब 1 दर्जन बीजेपी के लिए चुनौती बन हुई हैं. जिनपर बीजेपी अब आधा दर्जन विधायकों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है.
लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है, बीजेपी को राष्ट्रीय चुनावों में कई समीकरण बनते-बिगड़ते नजर आ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रीय राजनीति में उतरने को तैयार हैं. बीजेपी उन्हें विदिशा या फिर छिंदवाड़ा सीट का उम्मीदवार बना सकती है.
यहां हैं बीजेपी के कमजोर चेहरे
भाजपा के लिए गुना, रतलाम-झाबुआ और छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्रों के अलावा विदिशा, खजुराहो, देवास, गुना, राजगढ़, रीवा, सीधी, शहडोल, सागर भोपाल और ग्वालियर संसदीय क्षेत्रों में प्रत्याशी के चेहरे कमजोर नजर आ रहे हैं. एट्रोसिटी एक्ट और उत्तरप्रदेश में सपा एवं बसपा के हुए गठजोड़ के बाद एक बार फिर भाजपा के लिए ग्वालियर-चंबल अंचल के अलावा विंध्य और बुंदेलखंड अंचल चुनौती बना है. ग्वालियर-चंबल अंचल में तो बीजेपी को विधानसभा चुनावों में हार का भी सामना करना पड़ा था. अब बीजेपी कुछ ऐसे चेहरे तलाश रही है जिसकी पार्टी की प्रतिष्ठा संभली रहे.
बीजेपी के गढ़ भोपाल में किसका चेहरा?
बीजेपी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह अब ग्वालियर की बजाए भोपाल से किस्मत आजमाने की सोच रहे हैं. भोपाल संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है. यहां से वर्तमान सांसद आलोक संजर के टिकट कटने की संभावना जताई जा रही है. इस सीट पर तोमर के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम तेजी से सामने आया है.
शिवराज क्या चाहते हैं ?
यहां स्थितियां थोड़ी से उलझी हैं. क्योंकि चौहान विदिशा से उम्मीदवार बनना चाहते हैं, वहीं कुछ नेता चाहते हैं कि चौहान का चेहरा छिंदवाड़ा सीट के लिए आगे हो. भाजपा नेताओं का मानना है कि अगर कमलनाथ विधानसभा चुनाव लड़े तो वे अपने पुत्र नकुलनाथ को यहां से प्रत्याशी बनवा सकते हैं. इस लिहाज से भाजपा इस सीट को और भी गंभीरता से ले रही है.
विधायकों पर लग रहे हैं दांव
विधानसभा चुनावों में 109 सीटों पर जीत के बाद बीजेपी का फैसला था कि कोई भी विधायक लोकसभा के लिए चुनाव नहीं लड़ेगा. लेकिन बीजेपी के लिए चुनौती बनी सीटों के कारण विधायकों पर दांव खेलने की योजना बनाई जा रही है.
ये विधायक हैं रेस में
माना जा रहा है कि अगर नरेन्द्र सिंह तोमर सीट बदलने में सफल रहे तो ग्वालियर से भाजपा के लिए जीताऊ प्रत्याशी सिर्फ शिवपुरी की विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ही रहेंगी. ग्वालियर के अलावा खजुराहो से भाजपा विधायक नागेन्द्र सिंह, रीवा से राजेन्द्र शुक्ल, बैतूल से विजय शाह को मैदान में उतारने का विचार किया जा रहा है. वहीं राघवगढ़ से जीते संजय पाठक को भी भाजपा चाहती है कि उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ाया जाए.
इन नामों पर भी चर्चा
लोकसभा चुनावों के लिए राज्यसभा सांसद थावरचंद गहलोत और प्रभात झा का नाम भी रेस में शामिल है. लेकिन दोनों की इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन अगर दोनों मना कर देते हैं तो हो सकता है संगठन दूसरे नामों पर विचार करें लेकिन अभी तक संगठन की योजना है कि झा को ग्वालियर और गहलोत को देवास से चुनाव लड़ाया जाए.