प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आदर्श आचार संहिता का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि इस मामले में उसकी ओर से क्या कार्रवाई की गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
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हाल में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कोर्ट में याचिका दायर कर की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग को नोटिस दिया है।
इससे पहले सुष्मिता देव की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि मोदी और शाह ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और निर्वाचन आयोग उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सिंघवी ने कहा कि देश में चार सप्ताह से आचार संहिता लागू है। प्रधानमंत्री और शाह कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि मोदी ने वर्धा में 1 अप्रैल को चुनावी रैली में कहा कि कांग्रेस को कैसे माफ किया जा सकता है। जब आप लोग हिन्दू आतंकवाद की बात सुनते हैं, तो क्या आप लोग दुखी महसूस नहीं करते। एक समुदाय जो शांति, भाइचारा और सद्भाव के लिए जाना जाता है, उसे आतंकवाद से कैसे जोड़ा जा सकता है। हजारों साल के इतिहास में एक भी ऐसा वाकया नहीं है, जिसमें हिन्दू आतंकवाद का जिक्र हो, यहां तक कि ब्रिटिश भी यह नहीं कह सके।
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वहीं, अमित शाह ने कहा था कि राहुल ने हिन्दू धर्म को पूरे विश्व में बदनाम किया है। यहां तक कि कोर्ट ने कहा है कि हिन्दू आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं है। राहुल को हिन्दू धर्म को आतंकवाद से जोड़ने पर माफी मांगनी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि इससे पहले आयोग ने इसी तरह के उल्लंघन करने पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ कार्रवाई की थी तथा उन्हें तीन दिन तक प्रचार करने से रोक दिया था।