राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना वायरस क्या भारत में तीसरे स्टेज में पहुंच गया है, अगर हां तो कैसे, अगर नहीं तो फिर कोरोना संक्रमण का भारत में ग्राउंड रियलिटी क्या है? भारत में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बाद ये सभी सवाल उठने लाजमी हैं। बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 14 हजार के पार पहुंच गया है, जबकि भारत में इस वायरस को पहुंचे हुए दो महीने होने जा रहे हैं। लगभग 130 करोड़ के देश में 14 हजार के पार लोग कोरोना से संक्रमित हैं, जिसको देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत में अभी कोरोना का संक्रमण दूसरे स्टेज पर ही है और अभी इसका कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है, लेकिन लगातार बढ़ते हुए मामलों के बीच कुछ ऐसे केस सामने आ रहे हैं जिसे देखकर ये लग रहा है कि कोरोना संक्रमण ने भारत में तीसरे स्टेज में अब कदम रख लिया है।
दिल्ली के एक ही परिवार के 26 लोग संक्रमित…बिहार एक गांव के 25 लोग कोरोना पॉजिटिव
शनिवार को एक खबर आई कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक कंटेनमेंट जोन में एक ही परिवार के 26 लोग कोविड-19 से ग्रस्त पाए गए हैं। ऐसी ही खबर बिहार के सिवान से भी सामने आई थी, जहां पर एक ही गांव के 25 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा और भी ऐसी खबरें देश के कई इलाकों से आई हैं, तो क्या ऐसे उदाहरणों को देखकर क्या ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कोरोना के संक्रमण ने अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी की तीसरे स्टेज में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं?
कोरोना तीसरे स्टेज पर न पहुंचे, ये काफी हद तक लॉकडाउन में रह रहे लोगों पर भी निर्भर करता है कि वो कैसा व्यवहार कर रहे हैं। क्या वो लॉकडाउन की तपस्या को बड़े ही संयम से निभा रहे हैं या फिर अपने आसपास के लोगों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। देश में 3 मई तक लॉकडाउन है और तीन मई तक के आकड़ों के आधार पर सरकार आगे की प्लानिंग करेगी और इस तीन मई तक के आंकड़ों के आधार पर ही कोरोना के स्टेज का भी पता चलेगा।
हॉट स्पॉट बढ़े तो होगी मुश्किल
अगर इन बचे हुए दिनों में और हॉटस्पाट तैयार नहीं होते हैं, तो समझा जाएगा कि भारत कोरोना को रोकने में हद तक कामयाब हो गया है और अगर इन दिनों में और हॉटस्पॉट तैयार होते हैं, तो फिर मुश्किल हो जाएगी। एक दूसरी थ्योरी ये कह रही है कि भारत में उतने ज्यादा मात्रा में कोरोना के टेस्ट नहीं हो रहे हैं और जब रेपिड टेस्टों का आंकड़ा बढ़ेगा, तो कोरोना संक्रमितों के मामले भी बढ़ेंगे। इस थ्योरी में इस बात को रखा जा रहा है कि कोरोना के शुरुआती लक्षण सर्दी, खांसी, गले में खराश ये इस मौसम का हिस्सा हैं, जो हर साल आता है। अब ऐसे में कोरोना रेपिड टेस्ट ही इस थ्योरी को वक्त के साथ हल करेगी।
उधर, अमेरिका फ्रांस और इटली जैसे देशों में कोरोना के लाखों संक्रमित अभी भी कोविड-19 के खतरे से जूझ रहे हैं। उन देशों की मेडिकल थ्योरी कुछ और कहती है, रिसर्चों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि इन देशों का मौसम ठंडा है और यहां हर साल हजारों लोग सीजनल फ्लू से बीमार पड़ते हैं, लेकिन इस बार कोरोना ने इसका आंकड़ा बढ़ा दिया है, ऐसे में भारत को 3 मई तक का इंतजार करना पड़ेगा।