राजसत्ता एक्सप्रेस। सबके दिमाग में आज भी एक प्रश्न घूम रहा है कि आखिर कोरोना वायरस फैला कैसे। शुरुआत से ही बार-बार कोरोना के फैलने के पीछे चमगादड़ का नाम सामने आ रहा था और अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कोरोना वायरस फैलने की बात पर मुहर लगा दी है। डब्ल्यूएचओ ने मान लिया है कि कोविड-19 चमगादड़ से ही फैला है। ये वायरस बिल्ली और फेरेट (बिल्ली प्रजाति का जीव) को संक्रमित कर सकता है। हालांकि, इसपर अभी और रिसर्च की जानी है, ताकि इस बीमारी के जानवरों से जुड़ाव के बारे में और अधिक जानकारी हासिल हो सके। इससे पहले भी कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुके हैं कि कोरोना के फैलने के पीछे का कारण चमदागड़ है और इस संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बिल्लियों को है। डब्ल्यूएचओ के पशुरोग विशेषज्ञ पीटर बेन का कहना है कि ये कोविड-10 वायरस के समूह से ताल्लुक रखता है, जिसकी उतपत्ति और संक्रमण दोनों ही चमगादड़ से होती है। हालांकि, अभी इसके नतीजे आने बाकी हैं कि ये वायरस इंसानों में कैसे फैला।
पीटर बेन के की मानें तो ये वायरस किसी जानवर से होते हुए इसका संक्रमण इंसाने के खाने तक पहुंचा है और देखते ही देखते फैल गया। बेन का कहना है कि संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा बिल्लियों को है। वुहान के पशु बाजार में कोरोना के पहले संक्रमण का मामला देखा गया था, लेकिन सभी लोगों में संक्रमण फैलने का तरीका एक जैसा नहीं है। बेन कहते हैं कि इसकी पड़ताल पूरी करने में डब्ल्यूएचओ को कुछ समय और लगेगा।
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डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ मारिया बेन भी कहती हैं कि संस्थान के वैज्ञानिक नए सिरे से चीन में कोरोना पर रिसर्च करने के बारे विचार कर रहे हैं। इस नई रिसर्च में जानवरों में कोरोना वायरस के पहुंचने की पड़ताल की जाएगी। पशुरोग विशेषज्ञ पीटर बेन कहते हैं कि शिया में पाए जाने वाले पैंगोलिन में भी कोविड-19 का संक्रमण बड़ी संख्या में पाया गया था, ये संक्रमण बिल्कुल वैसा ही है, जैसा इस वक्त इंसानों में नजर आ रहा है। कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर के शोधकर्ताओं ने कई थ्योरी पेश की, लेकिन केंद्र में चमगादड़ बरकरार बना हुआ है।
क्या है एक्सपर्ट की राय
- अमेरिका भी मानता है कि कोरोना का चमगादड़ से कनेक्शन तो है, सिर्फ साबित होना बाकी है। अमेरिका के ऑन्टेरियो वेटरनेरी कॉलेज के प्रोफेसर स्कॉट वीज इस वक्त जानवरों से फैलने वाली बीमारियों पर रिसर्च कर रहे हैं। जिनका कहना है कि अभी तक ये तो नहीं पता चल सका हैं कि कोरोना इंसानों तक पहुंचा कैसे, लेकिन चमगादड़ से इसका कोई कनेक्शन तो पक्का है।
- बता दें कि चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के पैंगोलिन से चमगादड़ और फिर चमगादड़ से इंसान में पहुंचने की बात कही हो, लेकिन यह बात अभी तब साबित नहीं हो सकी है। दरअसल, अलग-अलग रिसर्च में चीनी वैज्ञानिक ने कोरोना वायरस फैलने की वजह चमगादड़, सांप और पैंगोलिन को बताया है। चीन की साउथ चाइना एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी पैंगोलिन को कोरोना वायरस के फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराया। शोधकर्ता शेन योंगी और जिओ लिहुआ का कहना है कि ये वायरस पैंगोलिन से चमगादड़ और फिर इंसानों में पहुंचा है। उनका कहना है कि इसे समझने के लिए एक हजार जंगली जानवरों को सैंपल लिया गया था। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों से लिए गए सैंपल में मौजूद कोनोरा वायरस और पैंगोलिन का जीनोम सिक्वेंस 99 फीसदी तक एक जैसा पाया गया है।
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चमगादड़ से कब-कब फैले वायरस
- 2002 में चमगादड़ से सार्स वायरस फैला था, जिसने दुनियाभर में 774 लोगों की जान ले ली थी। ये वायरस पहले चमगादड़ से बिल्ली और फिर इससे इंसानों तक पहुंचा।
- 2018 में केरल में निपाह वायरस फैलने के पीछे भी चमगादड़ था। भारतीय फलभक्षी चमगादड़ था, जिससे 17 लोगों मौतें हुई थीं।
- इबोला, रैबीज, हेंद्र और मारबर्ग वायरस के मामलों में भी चमगादड़ ही वाहक रहा है।