मध्य प्रदेश के शिवपुरी में आई बाढ़ के बाद आधी रात में दर्जनों पक्के मकान बह गए. सुबह से बिना खाये रोते हुए लोग बचे हुए सामान को निकालने में लगे हैं. दुधमुहे बच्चे के तन पर कपड़ा नहीं तो वहीं रहने को घर नहीं और खाने को राशन नहीं. मध्य प्रदेश के शिवपुरी में बारिश से आई बाढ़ के बाद तबाही ने कई घरों को बर्बाद कर दिया है.
बाढ़ का बहाव इतना तेज था कि पक्के मकान जमींदोज हो गए हैं. लोग रो रहे हैं. सुबह से भूखे हैं. शिवपुरी के बहगमा गांव में 20 घर तबाह हो गए हैं. एक ही परिवार के चार पक्के मकान आधी रात करीब 3 बजे बह गए. जिस वक्त लोग घर में सो रहे थे. उस समय सिंध नदी उफान पर थी. जब घर में पानी भरने लगा और घर मे बंधी बकरियों ने शोर मचाया तब लोगों को पता चला कि बाढ़ का पानी घर में घुस गया है. 1 घंटे के अंदर सब कुछ तबाह हो गया. अब घर का जो सामान टूटा फूटा पड़ा है उसे समेटने में घर की महिलाएं और बुजुर्ग लगे हैं.
महगमा के ही रहने वाले रावत परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. सुबह से कुछ नहीं खाया है. घर में जो राशन था, उसमें पानी भर गया. घर के सामान से लेकर अनाज तक सब बर्बाद हो गया. लाखों रुपये का अनाज और खाद बीज अब उपयोग के लायक नहीं बचा है. दरअसल, सिंध नदी में जब बाढ़ आई तो करीब 800 मीटर दूर बहगमा गांव तक पानी आ गया.
वहीं चेतारी गांव के करीब 50 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला. जिन लोगों को घर से निकाला उनका सब कुछ पानी में बह गया. उनके पास अब न रहने के लिए घर है और न ही खाने के लिए राशन. यहां की सबसे ज्यादा दुखद तस्वीर एक बच्चे की थी, जो एक साल का भी नहीं है और उसके बदन में कपड़ा तक नहीं है. मां ने कहा कि कपड़े बह गए, क्या करूं? क्या पहनाऊं?