नई दिल्ली: बीएसफ जवान तेज बहादुर यादव को बर्खास्त करने के मामले में सरकार ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट को बताया कि है उसके द्वारा पोस्ट की गई वीडियो से सेना में विद्रोह कि स्थिति बन सकती थी. द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए ये भी कहा कि खाने को लेकर की गई तेज बहादुर यादव की शिकायत उसके द्वारा बनाई गई एक कहानी भर है जो सेना की छवि खराब करने के लिए बनाई गई थी.
सरकार और बीएसफ ने एक लिखित जवाब में ये भी कहा कि तेज बहादुर यादव को बर्खास्त कर दी गई सजा तो उनके गुनाहों के सामने बहुत कम है. बता दें कि पूर्व बीएसफ जवान तेज बहादुर यादव ने फेसबुक पर एक वीडियो डाला था जिसमें उन्होने जवानों को मिलने वाले खाने की आलोचना की थी.
वीडियो वायरल होने पर जब सरकार की आलोचनाएं शुरू हुई तो तेज बहादुर यादव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद खुद पर लिए गए एक्शन के खिलाफ तेज बहादुर यादव ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
जवानों को खाने के लिए मिलने वाले भोजन के बारे में कोर्ट को बताते हुए सरकार ने कहा वीडियो में जिस दाल का जिक्र तेज बहादुर यादव ने किया था वो पानी-पानी इसलिए थी क्योंकि उसे कूकर में बनाया गया था. वहीं नाश्ते में केवल चाय और पराठा मिलने की शिकायत पर सरकार ने जवाब दिया कि बीएसफ के मैस में काफी सारे लोगों के लिए खाना बनाता है इसलिए हर किसी की पसंद का खाना बनाना मुमकिन नही है.
कोर्ट को सरकार ने बताया कि सेहत को मध्यनजर रखते हुए जवानों को तड़के वाली दाल नही दी जाती है.
सरकार ने तेज बहादुर पर ये भी आरोप लगाए कि उनकी वीडियो से पाकिस्तान को भारत के खिलाफ बोलने का मौका मिला. वहीं हाइकोर्ट को सौंपे गए एफिडेविट में सरकार ने ये भी बताया कि एनआईए ने जब तेज बहादुर यादव की पोस्ट की जांच की तो पाया कि उनके कई दोस्त दूसरे देशों से हैं जिनमें 18-21 पाकिस्तान से भी हैं.