तिहाड़ जेल में सजा काट रहे आतंकवादी यानीन मलिक की तबियत भूख हड़ताल के दौरान बिगड़ गई है। जेल के चिकित्सकों ने उसे ग्लूकोज पर रखा है। यासीन ने 22 जुलाई से भोजन त्याग दिया था। जेल के अफसरों का कहना है कि वो 4 दिनों से खाना नहीं खा रहा था। उसे 24 जुलाई से ग्लूकोज पर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के 56 साल का प्रमुख यासीन मलिक को इस वर्ष मई में दिल्ली की एक कोर्ट ने टेरर फंडिंग करने के केस में दोषी ठहराया था।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने शुक्रवार से भूख हड़ताल शुरू की थी। मलिक ने रुबैया सईद के किडनैपिंग से जुड़े मामले में जम्मू की कोर्ट में फिजिकल प्रेजेंस की मांग के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने भूख हड़ताल प्रारंभ कर दी। 8 दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के किडनैप से जुड़े केस में मलिक आरोपी है।
मलिक ने जेल प्रशासन के बार-बार अपील के बाद भी कुछ भी खाने-पीने से मना कर दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए CBI कोर्ट में पेश हुए यासीन ने इसके पूर्व कहा था कि वह रुबैया सईद के किडनैप से जुड़े केस में जम्मू की कोर्ट में फिजकली पेश होना चाहता है। मलिक ने कहा था कि 22 जुलाई तक अगर सरकार ने इस संबंध में इजाजत नहीं दी तो वो भूख हड़ताल पर रहेगा ।