नागरिकता संशोधन कानून-2006 में बहुप्रतीक्षित अमेंडमेंट बिल को नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने रविवार यानी बीते कल पुनः संसद भेज दिया है। भंडारी इस बिल पर चर्चा और आवश्यक सुधार के लिए इसे पुनः संसद भेजा दिया है। उल्लेखनीय है कि ये विधेयक बीते तीन वर्ष से लंबित पड़ा है। संसद ने इस बीते माह इसे पास कर विधा भंडारी के समक्ष भेजा था। जिसे अब उन्होंने लौटा दिया है। राष्ट्रपति इस पर और आवश्यक बातचीत चाहती हैं। राष्ट्रपति दफ्तर ने इसके बारे में जानकारी दी।
आपको बता दें कि बीते माह नेपाल की संसद ने सिटीजन अमेंडमेंट-2006 में बहुप्रतीक्षित सुधार विधेयक को स्वीकृति दे दी थी। यह विधेयक नेपाली नागरिकों के हजारों बच्चों को नागरिकता मिलने का रास्ता दिखायेगा । काठमांडो पोस्ट अखबार के अनुसार, इसके लागू होने के बाद 20 सितंबर 2015 से पहले पैदा बच्चों को माता अथवा पिता के नेपाल में रहने पर वंश के आधार पर सिटिजनशिप मिलेगी।
संविधान के अनुसार 12 अप्रैल 1990 से पूर्व नेपाल में पैदा होने वाले विदेशी मूल के लोगों को यहां जन्म लेने के आधार पर देश की सिटिजनशिप मिली थी। परंतु उनके बच्चों को नागरिकता देने संबंधी कोई कानून पहले नहीं था।