भारत बंद में कांग्रेस का ‘साथ’ दे रही हैं तेल कंपनियां

नई दिल्ली: कांग्रेस के बंद के आह्वान को रोजाना बढ़ रही डीजल-पेट्रोल की कीमतों से बल मिल रहा है। पेट्रोलियम कीमतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं,सोशल मीडिया पर रोजाना बढ़ रहे दामों को लेकर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की परोक्ष रूप से तेल कंपनियां कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना रही हैं.

कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारियों कर रही है. इसके लिए कांग्रेस ने 10 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. जिस तरह हफ्ते भर से तेल की कीमतें कम होने का नाम नही ले रही हैं इससे सरकार की आलोचना करने का कांग्रेस का हौसला बढ़ता जा रहा है.

डीजल की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण मोदी सरकार ने ही ख़त्म किया था। अब पेट्रोल डीजल के दाम पेट्रोलियम कंपनियां अपनी लागत के हिसाब से रोजाना तय करती हैं। बता दें कि दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 80.38 प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर 72.51 प्रति लीटर पहुंच गया है. मुंबई में पेट्रोल अब 87.77 रुपए और डीजल 76.98 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।

पिछले चार दिन के दाम पर नजर डाले तो तेल की कीमतों पर तेजी से हुई वृद्धि देखी जा सकती है.

5 सितंबर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 79.31 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 71.34 रुपए प्रति लीटर थी. वहीं मुंबई में पेट्रोल अब 86.72 रुपए और डीजल 75.74 रुपए प्रति लीटर मिल रहा था।
6 सितंबर को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 79.51 रुपये प्रति लीटर और डीजल 71.55 रुपये प्रति लीटर था तो वहीं मुंबई में पेट्रोल और डीजल कीमत 86.91 और 75.96 प्रति लीटर थी.

7 सितंबर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 79.99 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 72.07 रुपए प्रति लीटर थी,जबकि मुंबई में पेट्रोल 87.39 रुपए और डीजल 76.51 रुपए प्रति लीटर मिल रहे थे.

बिजनेस वेबसाइट गुड रिटर्नस के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 में पैट्रोल और डीजल की कीमतों में 8.20 फीसदी और 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

बेशक जनता महंगाई की चपेट में पिस रही है लेकिन इससे कांग्रेस को सरकार को घेरने का एक नया मुद्दा मिल गया है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि तेल कीमतों में लगातार हो रही बढोतरी की वजह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल है. उन्होने कहा कि दुनिया भर में तेल के उत्पादन को संभालने वाले ओपेक देश वादे के बावजूद तेल की उत्पादकता बढ़ाने में नाकाम रहे हैं. ऐसे में पेट्रोलियम मंत्री की बातें सीधे तौर पर इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से अभी निजात नही पाई जा सकती है.

अब यदि दो दिन तक तेल की कीमतों में कमी नही आई तो कांग्रेस के लिए ये बात और फायदेमंद साबित हो सकती है. 10 सितम्बर को होने वाले कांग्रेस के भारत बंद में सरकार का विरोध और भी मजबूती से होगा. सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा देखकर कांग्रेस की आईटी टीम भी माहौल और गरमाने में जुटी है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles