यूपी में चर्चा गरम, केशव मौर्य का कद छांटने को धर्मपाल सिंह किए जाएंगे प्रमोट

पंकज शुक्ला: उत्तर प्रदेश की सत्ता में सत्ता का एक बड़ा अंदरूनी खेल चल रहा है. खबर है कि सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह को प्रमोशन देकर उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. धर्मपाल मौजूदा उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा की जगह लेंगे, दिनेश शर्मा को संगठन में शिफ्ट किया जा सकता है. धर्मपाल लोध राजपूत बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें पिछड़ों का नया चेहरा बनाकर प्रोजेक्ट किया जाएगा.

धर्मपाल सिंह बरेली की आंवला सीट से लगातार विधायक हैं. कल्याण सिंह सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. सरल और मृदुभाषी इंसान हैं, जिसकी वजह से लोकप्रिय हैं. जितने पुराने नेता हैं उस हिसाब से प्रोजेक्शन पार्टी में नहीं मिला. नाम कई बार उछला. केशव मौर्य के पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा थी. लेकिन, बने नहीं. धर्मपाल सिंह के पिछड़ने की वजह उनकी बिरादरी ही मानी जाती है. बताते हैं कि कल्याण सिंह और उमा भारती खेमा उन्हें पसंद नहीं करता. ये दोनों नेता भी लोध राजपूत बिरादरी से आते हैं. किसी न किसी कोने से भांजी मारे जाने की वजह से उनका रास्ता रुकता रहा है.

ये भी पढ़ें: दीप्ति बोलीं- मैं बागी नहीं, जातीय सम्मेलनों से निराश हूं, केशव मौर्य ने ट्वीट डिलीट किया

योगी सरकार में उन्हें जगह तो सीनियॉरिटी के बूते बढ़िया मिली मगर मुख्यमंत्री की गुड़ बुक्स में नहीं माना जाता था. वजह यह कि धर्मपाल सिंह का जुड़ाव गृह मंत्री राजनाथ सिंह से है. राजनाथ कैम्प का होना मौजूदा निजाम में काफी समय तक अच्छा नहीं माना जाता था.

वजह यह कि मुख्यमंत्री के लोग उन नेताओं से असहज रहते थे जिन्हें राजनाथ सिंह का व्यक्तिगत आशीर्वाद हासिल है. दोनों खेमों में छत्तीस का आंकड़ा माना माना जाता था. बहरहाल, राजनाथ सिंह वो चेहरा साबित हुए जिन्हें ना तो यूपी से उखाड़ा जा सकता है और ना ही इग्नोर किया जा सकता है. फिलहाल, भारतीय जनता पार्टी की हवा यही कहती है कि दोनों ‘ठाकुरों’ को लेकर यह अतीत की बात हो चुकी है. अब दोनों खेमे आपसी सहमति बना चुके हैं.

ये भी पढ़ें- योगी के मंत्री राजभर ने एससी-एसटी एक्ट पर सरकार के फैसले को बताया वोटों की राजनीति

अब फिर से जिक्र करते हैं डा दिनेश शर्मा की विदाई को लेकर गरम चर्चा का. यूं तो उन्हें सीधा दिल्ली दरबार का आशीर्वाद हासिल है मगर यूपी के सत्ता संतुलन के लिए उनपर धर्मपाल सिंह के लिए स्पेस बनाने का दबाव बताया जा रहा है. फेरबदल का जो मूल कारक है वह हैं उनके काउंटरपार्ट केशव प्रसाद मौर्य. कितना भी पानी डेढ़ साल के दौरान गोमती में बह गया, लेकिन केशव समर्थकों के दिल का दर्द कम नहीं हो सका है.

बड़ी जबरदस्त आस थी कि मुख्यमंत्री केशव मौर्य ही बनेंगे लेकिन ऐनवक्त पर आदित्य नाथ योगी का नाम आने से सन्निपात में जाने वाले नेताओं की तादाद केशव कैम्प में ही ज्यादा थी. ऊपर से केशव जी का अंदाज भी नहीं बदला है. उनकी ठसक तो बढ़ी ही है, वह चाहे-अनचाहे सीएम पद के दावेदार और सत्ता की समानांतर धारा के अगुवा नजर आते ही हैं. अभी कुछ दिन पहले पार्टी की पूर्व प्रवक्ता डा दीप्ति भारद्वाज ने तो सार्वजनिक तौर पर योगी की जगह केशव को सीएम बनाने की मांग कर डाली.

ये भी पढ़ें: पेट्रोल की आग में जल रही बीजेपी, कांग्रेस सेंक रही हाथ

पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि जब सियासत दलितों-पिछड़ों पर शिफ्ट हो ही रही है तो केशव मौर्य के अंदाज और उनके चेहरे से चिढ़ने वालों के मस्तिष्क सक्रिय हैं. बड़े पिछड़े नेता के तौर पर धर्मपाल सिंह की ताजपोशी पार्टी के अंदर केशव का कद छांटने में बहुत मददगार होगी.

फिलहाल तक वही उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा पिछड़ा चेहरा हैं. अब केशव के दिन इतने बुरे भी नहीं हैं कि उन्हें ही निपटा दिया जाए लेकिन पैरलल चेहरा खड़ा करने लायक माहौल बना लिया गया है. धर्मपाल सिंह से बेहतर चॉइस उपलब्ध पिछड़े नेताओं में नहीं है. और, धर्मपाल सिंह के नाम पर अब मुख्यमंत्री कैम्प में भी स्वीकार्यता है. इधर कुछ दिनों से मुख्यमंत्री के यहां उनका दखल भी बढ़ा देखा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश भाजपा में धमाका, योगी के खिलाफ महिला नेता ने की बगावत, देखिए पूरा वीडियो

अब रहे दिनेश शर्मा तो जनाधार वाला नेता तो उन्हें पहले भी नहीं माना जाता था. पीएम के आशीर्वाद से उन्हें ब्राह्मण चेहरा बनाकर डिप्टी सीएम की कुर्सी दी गयी, लेकिन परफॉर्मेंस में शर्मा जी बहुत पीछे हैं. उनके रहते भी महेंद्र नाथ पांडेय को ब्राह्मण चेहरा बनाकर संगठन की कमान सौपनी पड़ी. जो ट्रेंड पार्टी ने पकड़ा है उसमें ब्राह्मण चेहरा संगठन भर काफी होगा, सत्ता के चेहरे दलित और पिछड़े दिखने हैं. लखनऊ के सत्ता के गलियारों में पूरा खेल चर्चा में है. अब केशव मौर्य और दिनेश शर्मा कितना जोर मार कर हालात अपने पक्ष में कर पाते हैं यह आने वाला वक़्त बताएगा.


 
पंकज शुक्ला
  (लेखक राजसत्ता एक्सप्रेस के संपादक  हैं )

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles