ओडिशा के बालासोर जिले में हुई तीन ट्रेनों की टक्कर एक हादसा था या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी। क्या किसी ने जानबूझ पटरियों से छेड़छाड़ की। शुरुआती जांच में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो गंभीर सवाल कर रहे हैं। रेलवे को शुुरुआती जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि पटरियों की इंटरलॉकिंग सिस्टम में जानबूझ कर छेड़छाड़ की गई थी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मामले में खुलकर नहीं बताया, लेकिन उनके बयान से साफ है कि कोरोमंडल ट्रेन हादसे में आपराधिक साजिश भी हो सकती है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है।
बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रेलवे की प्रारंभिक जांच में ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम’ और पॉइंट के साथ छेड़छाड़ किए जाने की बात सामने आई। इस सिस्टम और पॉइंट से ट्रेनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करते हैं। हालांकि यह कोई तकनीकी गलती नहीं, बल्कि कुछ और हो सकता है। इन्हीं सभी बातों को खोजने के लिए सीबीआई को लगाया गया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बालासोर ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया। इसके साथ ही सीबीआई की टीम दुर्घटना की जांच में जुट गई है। बता दें कि घटना के बाद 3 जून को रेलवे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और रेलवे अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
ओडिशा के बालासोर में हुआ रेल हादसा एक दुर्घटना थी या साजिश, इसका पता लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा है कि सीबीआई पता लगाएगी कि यह हादसा कैसे हुआ। इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है यह उचित जांच के बाद पता चल सकेगा।
आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व रेल मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी बालासोर रेल हादसे को बड़ी साजिश बताया था। उन्होंने कहा कि रेलवे और सीबीआई जांच की मांग की थी। बीजेपी नेता का कहना है कि सीबीआई जांच के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा।