दुनिया में कहीं भी दो घंटे में पहुंचाएगी ये फ्लाइट, रॉकेट से तेज होगी रफ्तार!

सुपरसोनिक विमान कॉनकार्ड बंद होने के करीब 20 साल बाद उसका नया स्वरूप आने वाला है। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस विमान का नाम एक्स-59 रखा है। हालांकि कॉनकार्ड की तुलना में इसकी रफ्तार कम होगी। नासा के विशेषज्ञ ऐसा हवाई जहाज बनाने की तैयारी भी कर रहे हैं, जो दो घंटे से कम समय में दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचा देगा।
नासा का एक्स-59 जल्द पहली उड़ान भरेगा। यह कॉनकार्ड की तुलना में छोटा होगा। इसकी रफ्तार करीब 1500 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। यह न्यूयॉर्क से लंदन की यात्रा करीब 3.30 घंटे कम कर देगा। नासा के विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रा की रफ्तार कई गुना बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं। अगर प्रयोग सफल रहते हैं तो सिडनी और लंदन के बीच का सफर (करीब 16,996 किलेमीटर), जिसमें अभी 22 घंटे लगते हैं, दो घंटे से भी कम समय में पूरा किया जा सकेगा।
नासा के विशेषज्ञ जिन सबऑर्बिटल फ्लाइट्स की तैयारी कर रहे हैं, उनकी रफ्तार 5,632 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इन फ्लाइट्स से दो घंटे के भीतर पृथ्वी पर कहीं भी पहुंचा जा सकेगा। ये उपकक्षीय उड़ानें जेफ बेजोस के ब्लू ओरिजिन और रिचर्ड ब्रैनसन के वर्जिन गैलेक्टिक जेट कार्यक्रम के रॉकेटों से मिलती जुलती हैं। न्यूयॉर्क से शंघाई तक की उड़ान 39 मिनट की हो सकती है, जिसमें अभी 15 घंटे लगते हैं।
दुनिया का पहला सुपरसोनिक विमान कॉनकार्ड हवा से बातें करता था। यह न्यूयॉर्क से लंदन की दूरी तीन घंटे से भी कम समय में तय कर लेता था। यह 2172 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से उड़ता था। वर्ष 2000 में हाई प्रोफाइल हादसे के बाद इस विमान को बंद कर दिया गया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles