संसद में हंगामा जारी, लोकसभा के बाद राज्यसभा भी स्थगित, अब 31 जुलाई को उच्च सदन में होगी बहस

संसद में हंगामा जारी, लोकसभा के बाद राज्यसभा भी स्थगित, अब 31 जुलाई को उच्च सदन में होगी बहस

संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है। बीते छह दिनों की कार्यवाही मणिपुर हिंसा को लेकर जारी हंगामे की भेंट चुका है। आज भी इस मुद्दे पर हंगामा शुरू हो चुका है। 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू होते ही मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में विपक्षी दलों ने जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी और हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दरअसल विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री के बयान पर अडे़े है। लोकसभा के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई। राज्यसभा आज पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। ऐसे में अब उच्च सदन में 31 जुलाई को बहस होगी। सदन में जारी हंगामा पर सभापति ने चिंता जताई। उन्होंने विपक्ष से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की।

दरअसल मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के मामले में विपक्षी दल सदन में चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग कर रहा है। सरकार चर्चा के लिए तो तैयार है, लेकिन जवाब पीएम मोदी के बदले गृह मंत्री अमित शाह से दिलाना चाहता है। लेकिन विपक्षी दल पीएम से जवाब चाहते हैं।

इस कारण विपक्षी सांसदों ने कई बार धारा 267 के तहत चर्चा की मांग का नोटिस दिया था। लेकिन जब सरकार अड़ी रही तो विपक्ष ने अपना आखिरी ब्रह्मास्त्र चलाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मंजूर कर चुके हैं। अब अगले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा संभव है। जिसमें पीएम मोदी विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे।

इस बीच शुक्रवार को संसद के मानसून सत्र में भाजपा सांसद द्वारा देश भर में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून बनाने को लेकर प्रस्ताव दिए जाने की बात सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड के भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह देश भर में समान नागरिक संहिता पर कानून बनाने का प्रस्ताव आज देंगे। हालांकि मणिपुर हिंसा को लेकर जारी गतिरोध में सदन की कार्यवाही चलेगी, इसपर सवाल है।

दूसरी ओर शुक्रवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किए जाते हैं, लेकिन हम देख रहे हैं कि कई विधेयक संसद में पेश और पारित किए जाते हैं।

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