प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले के दौरान जब लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे, तो भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि भगदड़ मच गई। ये घटना मौनी अमावस्या के दिन हुई, जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम में पवित्र स्नान करने के लिए आई थी। भगदड़ के बीच प्रशासन की चिंता और बढ़ गई, क्योंकि स्थिति बेकाबू होती जा रही थी। इसी दौरान संगम नोज पर बने पुलिस बूथ का भी एक अजीब सा दृश्य देखने को मिला, जिसमें वह बूथ हवा में झूलता हुआ नजर आया। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हेलिकॉप्टर से निगरानी शुरू कर दी।
संगम नोज पर पुलिस बूथ का झूलना:
भगदड़ के बाद संगम नोज पर स्थित पुलिस बूथ को लेकर एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। पुलिस का कहना था कि भारी भीड़ के कारण एक ओर से श्रद्धालु उसे हनुमान मंदिर की तरफ धकेल रहे थे, जबकि दूसरी दिशा से श्रद्धालु मेले की ओर खींच रहे थे। इससे वह पुलिस बूथ हवा में झूलने लगा, मानो वह तैर रहा हो। यह दृश्य देखकर स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता था। प्रशासन ने तुरंत बैरिकेडिंग हटा दी ताकि स्थिति को संभाला जा सके और भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
भगदड़ के बाद प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाए। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को संगम नोज पर तैनात किया गया, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, पूरे मेला क्षेत्र पर हेलिकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी गई, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
सीएम योगी की अपील:
महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “आप जिस घाट के पास हैं, वहीं स्नान करें और संगम नोज की तरफ न जाएं। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान हो रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि श्रद्धालु प्रशासन की मदद करें ताकि माहौल शांति पूर्ण बना रहे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, पीएसी और आरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे। इसके अलावा, हेलिकॉप्टर और ड्रोन कैमरे के माध्यम से मेला क्षेत्र पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। प्रशासन की तरफ से यह सुनिश्चित किया जा रहा था कि कोई भी श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सके और भगदड़ जैसी स्थिति से बचा जा सके।
महाकुंभ में भगदड़ क्यों होती है?
महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक मेलों में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं कि कभी-कभी व्यवस्था की कमी या अचानक बढ़ी हुई भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। प्रशासन की ओर से इस बार तैयारी पूरी थी, लेकिन अचानक इतनी ज्यादा भीड़ आ जाने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
प्रशासन की अपील:
महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और शांति से स्नान करें। इसके अलावा, प्रशासन ने यह भी कहा कि किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखें। यदि किसी भी स्थान पर भीड़ बढ़ने की स्थिति हो, तो श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे तुरंत वहां से निकल जाएं।
महाकुंभ का धार्मिक महत्व:
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए आते हैं, क्योंकि माना जाता है कि यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेष रूप से मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है, जो पुण्य फल देने वाला होता है।