सोनिया गांधी की राष्ट्रपति मुर्मू पर टिप्पणी से सियासी घमासान, बीजेपी ने किया तीखा पलटवार

संसद का बजट सत्र आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से शुरू हुआ, लेकिन राष्ट्रपति के इस भाषण पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण को लेकर आलोचना की है। कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “Poor lady was tired at the end” (बेचारी महिला अंत तक थकी हुई थीं)। वहीं, उनके बेटे राहुल गांधी ने इसे “उबाऊ” करार दिया। इस बयान के बाद सियासी बवाल मच गया और बीजेपी ने इसे आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान बताया।

बीजेपी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर किया हमला

राष्ट्रपति के भाषण के बाद जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मीडिया ने बातचीत की तो सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू की थकावट का जिक्र किया। सोनिया गांधी ने कहा, “अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी।” राहुल गांधी ने भी इसे “उबाऊ” बताते हुए टिप्पणी की। इस पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की टिप्पणी देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान है। भाटिया ने ट्वीट कर कहा, “नकली गांधी परिवार यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति उच्च संवैधानिक पदों पर पहुंचे। यह अपमान हर भारतीय का अपमान है, हर आदिवासी का अपमान है, हर महिला का अपमान है। यह देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”

राहुल गांधी की टिप्पणी पर भी बीजेपी का पलटवार

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी सोनिया गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू को ‘बेचारी’ कहकर उनका अपमान किया। मुर्मू कभी भी ‘बेचारी’ नहीं हो सकतीं। अगर कोई भारतीय राजनीति में ‘बेचारा’ है, तो वह राहुल गांधी हैं। उन्हें बार-बार लॉन्च करने की कोशिश की जाती है, लेकिन वह कभी सफल नहीं होते।”

कांग्रेस ने राष्ट्रपति के भाषण को पब्लिसिटी का पुलिंदा बताया

कांग्रेस पार्टी ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण सरकारी प्रचार का निराशाजनक पुलिंदा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि यह भाषण एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत ‘अंधा बांटे सिरनी, मुड़-मुड़ अपने को दे’ की तरह था। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण एक विजनरी डॉक्यूमेंट होना चाहिए था, जो आज और भविष्य की चुनौतियों का समाधान सुझाए, लेकिन इसमें वह महत्वपूर्ण बातें नहीं थीं, जो बोलनी चाहिए थीं।

कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा का भी बयान

कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने भी राष्ट्रपति के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हमेशा की तरह सरकार राष्ट्रपति से वही कहलवाती है जो वह चाहती है, जबकि हकीकत कुछ और होती है। जब अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव होगा, तब हम अपनी बात रखेंगे।”

कांग्रेस और बीजेपी के बीच बढ़ा सियासी तनाव

इस सियासी बवाल ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच की खाई को और गहरा कर दिया है। जहां बीजेपी ने गांधी परिवार को देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान करने का दोषी ठहराया, वहीं कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को सरकार की प्रचारवादी रणनीति करार दिया है। इस विवाद के बाद अब यह देखना होगा कि आगामी दिनों में इस पर और क्या बयान आते हैं और क्या सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम उठाती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles