दिल्ली में यमुना नदी को संवारने की तैयारी जोरों पर है। बीजेपी सरकार अब यमुना में क्रूज चलाने की योजना पर काम कर रही है। इस कदम से न सिर्फ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यमुना का कायाकल्प भी होगा। सरकार का फोकस वजीराबाद बैराज से लेकर जगतपुर शनि मंदिर तक करीब छह किलोमीटर के दायरे में इसे विकसित करने पर है।
क्रूज चलाने की तैयारी शुरू, DTTDC ने निकाला टेंडर
दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTTDC) ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया है। इसमें दो इलेक्ट्रिक या सोलर बैटरी से चलने वाले क्रूज के लिए ऑपरेटर की तलाश की जा रही है।
इन क्रूज का सफर करीब सात से आठ किलोमीटर लंबा होगा। यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सरकार का कहना है कि यह योजना पूरी तरह से पर्यावरण-अनुकूल होगी और यमुना को नई पहचान देगी।
योजना से दिल्ली में बढ़ेगा टूरिज्म
दिल्ली में यमुना क्रूज सेवा को इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI), दिल्ली डेवलपमेंट ऑथोरिटी (DDA), दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ मिलकर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना में दिल्ली जल बोर्ड का भी सहयोग रहेगा, ताकि यमुना में नेविगेशनल सुविधाओं को बढ़ाया जा सके।
सरकार का दावा है कि क्रूज सेवा से दिल्ली में पर्यटन को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा और यह एक सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट मॉडल साबित होगा।
कैसा होगा क्रूज? जानिए इसकी खासियतें
जो ऑपरेटर इस सर्विस को चलाएगा, उसे शुरुआत में दो इलेक्ट्रिक-सोलर हाइब्रिड क्रूज मुहैया कराने होंगे। हर क्रूज में 20 से 30 यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे। क्रूज की रफ्तार 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए इसमें इनबोर्ड बायो-टॉयलेट, अनाउंसमेंट सिस्टम और सुरक्षा जैकेट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। ये क्रूज पूरी तरह से एयर कंडीशंड होंगे और ऑपरेटर को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे दो साल से ज्यादा पुराने न हों।
चार ट्रिप का होगा संचालन, ये रहे नियम
सरकार की योजना के मुताबिक, हर दिन कम से कम चार ट्रिप चलाई जाएंगी। क्रूज का संचालन किस तरह से होगा, इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। इसके लिए फ्लोटिंग जेटी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
दिल्ली में यमुना पर क्रूज दौड़ने से ना सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह दिल्ली के लोगों और बाहर से आने वाले टूरिस्ट के लिए भी नया अनुभव होगा। सरकार का कहना है कि यह योजना पर्यावरण के अनुकूल होगी और यमुना के कायाकल्प में बड़ी भूमिका निभाएगी।