अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की के बीच हुई बहस चर्चा का विषय बनी हुई है। 1 मार्च को व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी, लेकिन माहौल गर्मा गया। ट्रंप ने जेलेंस्की को वहां से निकल जाने को कह दिया। इस विवाद के पीछे कई थ्योरी दी जा रही थीं। कुछ लोगों का कहना था कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की वजह से बहस हुई, तो कुछ का कहना था कि पुतिन की पैरवी करने के कारण ट्रंप और जेलेंस्की भिड़ गए। लेकिन असली वजह कुछ और ही थी, जो अब सामने आई है।
ट्रंप का ‘स्पेशल मैसेज’ और जेलेंस्की की अनदेखी
स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक से पहले ट्रंप ने जेलेंस्की को एक खास संदेश भेजा था। उन्होंने दो बार कहा था कि व्हाइट हाउस में मिलने के लिए जेलेंस्की को कोट पहनकर आना होगा। हालांकि, जेलेंस्की ने ट्रंप की इस बात को अनसुना कर दिया और अपने ट्रेडमार्क ब्लैक ड्रेस में ही वहां पहुंच गए।
ड्रेस को देखकर भड़क गए ट्रंप
जैसे ही ट्रंप ने जेलेंस्की को देखा, वे चिढ़ गए। हालांकि, उन्होंने जेलेंस्की को अपने दफ्तर में बुलाया। ट्रंप का मानना था कि अगर यूक्रेन को अमेरिका से मदद चाहिए, तो उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना होगा। इसमें सबसे अहम था कि शांति समझौते का फैसला ट्रंप के हाथों में छोड़ दिया जाए। लेकिन जेलेंस्की इसके लिए तैयार नहीं थे।
पत्रकार के सवाल पर हंसी में उड़ा दिया मामला
बातचीत के दौरान एक अमेरिकी पत्रकार ने जेलेंस्की से ड्रेस कोड को लेकर सवाल किया। पत्रकार ने पूछा, “व्हाइट हाउस के ड्रेस कोड का पालन क्यों नहीं किया? क्या आपके पास सूट नहीं है?” इस सवाल पर डोनाल्ड ट्रंप और जेडी वेंस हंस पड़े। लेकिन जेलेंस्की ने गंभीरता से जवाब देते हुए कहा, “जब तक यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, मैं इसी ड्रेस में रहूंगा। आपको इससे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।”
बैठक के बाद जेलेंस्की का रिएक्शन
व्हाइट हाउस में हुए इस विवाद के बाद जेलेंस्की ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में खेद जताया। उन्होंने कहा, “जो कुछ भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। लेकिन मैं यूक्रेन के हितों से समझौता नहीं कर सकता।” उन्होंने साफ किया कि पुतिन की शर्तों पर यूक्रेन कोई समझौता नहीं करेगा।
नाटो में यूक्रेन को शामिल करने की शर्त
स्काई न्यूज से बातचीत में जेलेंस्की ने कहा, “पुतिन मेरे बारे में अफवाहें फैला रहे हैं। अगर नाटो में यूक्रेन को शामिल कर लिया जाए, तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, मैं अपने देश की रक्षा करता रहूंगा।”
अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा?
इस घटना के बाद अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों पर असर पड़ सकता है। ट्रंप के तेवर बताते हैं कि अगर वे दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो यूक्रेन को अमेरिका से उतना समर्थन नहीं मिलेगा जितना अब मिल रहा है। जेलेंस्की की नाटो में शामिल होने की शर्त से यह मामला और उलझ सकता है।