महाराष्ट्र में सपा के इकलौते विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के निलंबन के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने कहा कि अगर निलंबन का आधार विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा, तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सपा के विधायक और सांसद बेखौफ और दानिशमंद हैं। अगर कुछ लोग सोचते हैं कि निलंबन से सच की ज़ुबान पर लगाम लगा सकते हैं, तो यह उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।
अखिलेश ने ट्वीट करके यह भी कहा कि आजाद ख्याल कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा! यह बयान अबू आजमी के निलंबन के बाद आया है, जिसने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है।
अबू आजमी का निलंबन क्यों हुआ?
अबू आजमी का निलंबन उनके एक बयान के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी। आजमी ने कहा था कि औरंगजेब क्रूर नहीं थे, बल्कि एक महान प्रशासक थे। उन्होंने यह भी कहा कि औरंगजेब के शासनकाल में कई मंदिर बनवाए गए और उनकी सेना में हिंदू कमांडर भी थे।
इस बयान के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने आजमी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके बाद विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने आजमी को निलंबित कर दिया।
अबू आजमी ने दी सफाई
निलंबन के बाद अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। आजमी ने कहा कि उनका इरादा किसी को नाराज करने का नहीं था, बल्कि वह सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाना चाहते थे।
हालांकि, उनकी सफाई के बावजूद मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। बीजेपी और शिवसेना के नेताओं ने आजमी के बयान की कड़ी निंदा की है।
अखिलेश यादव ने क्यों उठाए सवाल?
अखिलेश यादव ने अबू आजमी के निलंबन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। उन्होंने कहा कि अगर विचारधारा के आधार पर निलंबन किया जाएगा, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक होगा। अखिलेश ने यह भी कहा कि सपा के नेता सच बोलने से कभी पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद ख्याल कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा! यह बयान सपा और बीजेपी के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
औरंगजेब पर विवाद क्यों?
अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर जो बयान दिया, वह पहले से चल रहे ऐतिहासिक विवाद को फिर से हवा दे गया। औरंगजेब को लेकर इतिहासकारों में अलग-अलग राय है। कुछ उन्हें क्रूर शासक मानते हैं, तो कुछ उनके प्रशासनिक कौशल की तारीफ करते हैं।
आजमी ने कहा कि औरंगजेब के शासनकाल में देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था और उनकी सेना में हिंदू कमांडर भी थे। हालांकि, उनके इस बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया।
महाराष्ट्र की राजनीति में तनाव
अबू आजमी का निलंबन महाराष्ट्र की राजनीति में तनाव बढ़ाने वाला साबित हुआ है। बीजेपी और शिवसेना ने आजमी के बयान की कड़ी निंदा की है, जबकि सपा ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी का बयान देशद्रोही है और उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने आजमी को निलंबित कर दिया।