सबरीमाला: प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार को दिल्ली की एक महिला पत्रकार को प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ ने आगे बढ़ने नहीं दिया. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के लिए भारत की संवाददाता सुहासिनी राज अपने साथी के साथ पंबा तक पहुंच गईं थी लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और उनके सामने मानवश्रृंखला बनाकर खड़े हो गए.
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने दोनों पत्रकारों को लौटने पर मजबूर कर दिया. सुहासिनी प्रदर्शनकारियों से यह कहती रहीं कि वह यहां पूजा करने नहीं बल्कि अपने काम के सिलसिले में आई हैं.प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, “भक्तों का यह बहुत बड़ा प्रदर्शन था. प्रदर्शनकारी रास्ते में बैठे थे और नारे लगा रहे थे. उसके पास कोई और रास्ता नहीं था और उसे मजबूरन लौटना पड़ा.”
सर्वोच्च न्यायालय के 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने वाले आदेश का विरोध कर रहे कुछ संगठनों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़पे हुईं. सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया.
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जिला प्रशासन ने मंदिर परिसर के 30 वर्ग किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर रखी है और राज्य में हिंदूवादी संगठन के आह्वान पर गुरुवार को राज्य में बंद का आह्वान किया गया है. इसमें शामिल संगठन को भाजपा का समर्थन प्राप्त है.