बीजेपी ने चला ध्रुवीकरण का नया वज्र, 2019 का सबसे बड़ा हथियार

2014 में कब्रिस्तान और श्मशान, रमजान और नवरात्रि की तुलना कर सत्ता में आई, बीजेपी एक बार फिर वही ध्रुवीकरण करने का नया खेल खेलने जा रही है. बीजेपी ने इसके लिए जनसंख्या को नया हथियार बनाया है. जिसकी शुरुआत पश्चिम यूपी के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से होगी, जो मुस्लिमों को चुभेगी, तो हिंदुओं को खुश कर देगी.

नई दिल्ली:  लोकसभा चुनाव और देश में बन रही केंद्र सरकार के खिलाफ बन रही एंटीइनकंबेंसी से निपटने के लिए बीजेपी बड़ा दांव चलने जा रही है. 2014 में कब्रिस्तान और श्मशान, रमजान और नवरात्रि की तुलना कर सत्ता में आई, बीजेपी एक बार फिर वही ध्रुवीकरण करने का नया खेल खेलने जा रही है. बीजेपी ने इसके लिए जनसंख्या को नया हथियार बनाया है. जिसकी शुरुआत पश्चिम यूपी के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से होगी, जो मुस्लिमों को चुभेगी, तो हिंदुओं को खुश कर देगी.

अबतक अभियान, संगोष्ठी, निबंध और रैली तक सीमित रहने वाले जनसंख्या नियंत्रण या यूं कहें जनसंख्या विस्फोट के कारण और निवारण दस्तावेजी फाइलों से निकलकर संसद की ओर चल पड़े हैं. वो भी किसी फाइल और अध्यादेश या बिल के रूप में नहीं बल्कि एक आंदोलन की शक्ल में. जिसका जिम्मा अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले और बीजेपी के फायर ब्रांड सांसद गिरिराज सिंह ने उठाया है. सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह जनसंख्या को लेकर अबतक सिर्फ बयानों तक ही सीमित थे. लेकिन 2019 में बीजेपी के लिए न सिर्फ नया ध्रुवीकरण का दांव लेकर आ गये हैं, बल्कि व्यापक आंदोलन और इसको हवा देने के लिए आंदोलन की शक्ल देने का पूरा प्लान बना रखा है.

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दरअसल बीजेपी ने देश में बढ़ती आबादी और हिंदुओं की मुसलमानों की अपेक्षा घटती संख्या को हथियार बनाने का प्लान किया है. बीजेपी ने इस हथियार को चलाने के लिए गिरिराज सिंह को उतारा है. गिरिराज सिंह पूरे देश में जनसंख्या को लेकर आंदोलन चलाने जा रहे हैं. जिसके लिए पश्चिम यूपी के बागपत को चुना है, और 21 अक्टूबर को रैली करके ध्रुवीकरण करने की कोशिश करेंगे है. गिरिराज रैली में केंद्र सरकार से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चीन जैसी चाल चलने और सख्त कानून बनाने की मांग करेंगे.

खास मकसद से चुना बागपत

पश्चिम यूपी को चुनने के पीछे खास वजह है, क्योंकि ये वो इलाका है जो सबसे ज्यादा संवेदनशील है, दिल्ली के पास है और मुस्लिम जनसंख्या सबसे ज्यादा है. 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के बाद इलाके में हिंदू बनाम मुस्लिम की लकीर खिंची है. वहीं जाट समुदाय को खुश करने की भी कोशिश है, क्योंकि अंदर खाने बीजेपी के इस वोटर में आरएलडी के अजीत सिंह ने सेंध लगाई है. खासकर किसान आंदोलन में दिल्ली में हुए लाठीचार्ज के बाद जाटों के साथ जनता और किसान नाराज हैं. इस नए मुद्दे को उठाने से यहां फिर से हिंदुत्व की ज्वाला तेज हो सकती है. बागपत में गिरिराज की रैली को दिल्ली की मीडिया कवरेज मिलने की पूरी संभावना है.

धीरे-धीरे सुलगाई आग

जनसंख्या को बीजेपी ने मुद्दा अचानक नहीं बनाया है, और नहीं कहीं से आ टपका है. बल्कि आरएसएस समेत उनके मुंह फट नेता हमेशा से इसको उठाते रहे हैं, चाहे वो खुद मोहन भागवत हों या फिर बीजेपी से नाराज चल रहे वीएचपी के पूर्व अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया. ये कुछ बयान है, उन नेताओं के जो बीते कुछ दिनों में सामने आए जो अप्रत्यक्ष रूप से सीधे हिन्दू वोटों को टारगेट कर रहे थे.

“देश में बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों के मामलों हो रही वृद्धि का कारण देश में तेजी से बढ़ रही मुस्लिम आबादी है. अगर सरकार बढ़ती मुस्लिम आबादी को रोकने में विफल रही तो जल्द ही भारत से एक दूसरे पाकिस्तान जैसा देश बनेगा. भारत में प्रचलित आतंकवाद, बलात्कार, यौन उत्पीड़न जैसे खतरे केवल बढ़ती मुस्लिम आबादी के कारण हैं.”

                                                                 हरिओम पांडेय, बीजेपी सांसद, अंबेडकर नगर, यूपी

 

‘एक खास धर्म समुदाय के लोग देश में बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए जिम्मेदार हैं और वे ही राष्ट्र का विकास होने से रोक रहे हैं.’
                                                                                              गिरिराज सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री

 

हिंदुओं को अपनी आबादी बढ़ानी चाहिए. हिंदू युगल को कम से कम पांच बच्चे पैदा करने चाहिए. तभी भारतीय ताकत बनी रहेगी. हिंदुस्तान में हिंदुत्व बचा रहेगा.
                                                                                       सुरेंद्र सिंह, बीजेपी विधायक, बलिया

 

अगर मुसलमान दो से ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं, तो उनके खिलाफ आपराधिक केस चलाना चाहिए और सभी तरह की सुविधाओं से वंचित कर देना चाहिए. राशन, नौकरी और शिक्षा की सुविधाएं भी उनसे छिन ली जानी चाहिए. तोगड़िया ने यह भी लिखा कि जो मुसलमान परिवार नियोजन का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें सरकारी नौकरी न दी जाए. उन्होंने लिखा है कि अगर दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर सजा नहीं मिली, तो भारत जल्द हो मुस्लिम राष्ट्र बन जाएगा.

                                                                           प्रवीण तोगड़िया, पूर्व अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष, वीएचपी

 

मुसलमानों से अल्पिसंख्य्क दर्जा छीन लेना चाहिए. देश के कई जिलों में मुस्लिम बहुसंख्यउक है और आबादी में बढ़ती हिस्सेदारी के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय अब इस दर्जे का हकदार नहीं है.
                                                                         

                                                                                साक्षी महाराज, बीजेपी सांसद, उन्नाव, यूपी

 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश में आबादी का संतुलन कायम रखने के लिए एक नीति बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके दायरे में समाज के सभी वर्ग होने चाहिए. उन्होंने कहा कि शुरुआत उन लोगों से की जानी चाहिए जिनके अधिक बच्चे हैं और उनके पालन-पोषण के लिए सीमित साधन हैं. इसे ध्यान में रखते हुए जनसंख्या पर एक नीति तैयार की जानी चाहिए.

                                                                                             मोहन भागवत, सरसंघचालक

 

चीन से मिला बीजेपी को आइडिया

बीजेपी ने जनसंख्या को मुद्दा बनाने का आइडिया चीन से लिया है. जहां कई साल पहले ही सख्त कानून बनाकर इसको नियंत्रित किया गया है. जिसमें एक बच्चा पैदा करने की ही छूट है, दूसरे पर सरकारी सेवाओं से वंचित और तीसरे पर कई कानूनी प्रतिबंध का प्रावधान है.

सोशल मीडिया फैलाएगी आग

2014 के बाद से अपने तीखे बयानों से फायर ब्रांड नेताओं में शुमार हो चुके गिरिराज सिंह के इस आंदोलन को सोशल मीडिया आग की तरह फैलाएगी. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए सोशल मीडिया की एक नई टीम तैयार गई है. जो बयानों और जनसंख्या को लेकर पोस्ट डालने, वायरल करने समेत डिजिटल आंदोलन चलाएगी.

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