Saturday, June 7, 2025

पाकिस्तानी नेता की भारत से गुहार, कहा- ‘मोदी साहब, हमें बचा लीजिए!

लंदन में एक सभा को संबोधित करते हुए अल्ताफ हुसैन ने पाकिस्तान की पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि मुहाजिर समुदाय, यानी भारत से पाकिस्तान गए उर्दूभाषी लोग, आज भी वहां ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक समझे जाते हैं। अल्ताफ का दावा है कि मुहाजिरों को भेदभाव, उत्पीड़न और हिंसा झेलनी पड़ रही है। उन्होंने तो ये भी कहा कि अब तक 25,000 से ज्यादा मुहाजिरों को सैन्य कार्रवाइयों में मार दिया गया है। अल्ताफ ने पीएम मोदी से गुहार लगाई कि वो इस मसले को दुनिया के सामने उठाएं और भारत सरकार मुहाजिरों की आवाज बने। उनका कहना है कि बंटवारे के वक्त ये लोग भारत छोड़कर गए थे, लेकिन आज न तो उन्हें सम्मान मिल रहा है और न ही सुरक्षा।

भारत-पाक तनाव के बीच ये नया मोड़

ये अपील ऐसे वक्त आई है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते फिर से तल्ख हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने बौखलाहट दिखाई और अपने यहां मारे गए आतंकियों को “राजकीय सम्मान” के साथ विदाई दी। पीएम मोदी ने इसकी कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि “6 मई को मारे गए आतंकियों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया और आर्मी अफसरों ने उन्हें सैल्यूट किया।” ऐसे में अल्ताफ की अपील ने इस तनाव में नया रंग भर दिया है।

मुहाजिरों की पुकार बनेगी वैश्विक मुद्दा?

अल्ताफ हुसैन का ये बयान सिर्फ एक सियासी बात नहीं, बल्कि दशकों से दबे-कुचले मुहाजिर समुदाय की पीड़ा को सामने लाता है। सवाल ये है कि क्या पीएम मोदी इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएंगे? क्या भारत उन लोगों की आवाज बनेगा, जो कभी इस मिट्टी का हिस्सा थे? बंटवारे ने न जाने कितने लोगों की जिंदगियां बिखेर दीं, और आज मुहाजिरों की पुकार हमें याद दिलाती है कि इंसाफ और पहचान की लड़ाई कभी खत्म नहीं होती। क्या भारत अब उस आवाज को सुनेगा, जो कभी उसकी थी?

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