नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत का दौरा करने जा रहे हैं। ये दौरा ऑपरेशन सिंदूर की धमाकेदार कामयाबी के बाद हो रहा है, जिसमें भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत का डंका बजाया। अरब सागर में तैनात इस तैरते किले पर राजनाथ सिंह नौसेना के जवानों और अफसरों से मुलाकात करेंगे, उनका हौसला बढ़ाएंगे और ऑपरेशन की जीत पर चर्चा करेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर में INS विक्रांत ने दिखाई ताकत
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। INS विक्रांत ने इस ऑपरेशन में कैरियर बैटल ग्रुप की अगुवाई की, जिसमें 8 से 10 युद्धपोत शामिल थे। इनमें डिस्ट्रॉयर और स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट जैसे तगड़े जहाज थे। इस तैनाती ने पाकिस्तान को साफ मैसेज दिया कि अगर उसने टेंशन बढ़ाने की कोशिश की, तो भारतीय नौसेना न सिर्फ उसके युद्धपोतों को, बल्कि जमीनी ठिकानों को भी निशाना बना सकती है। नतीजा? पाकिस्तानी नौसेना कराची नेवल बेस से बाहर निकलने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाई और उसने सीजफायर की गुहार लगाई।
INS विक्रांत क्यों है भारत का गौरव?
INS विक्रांत भारत का पहला देसी विमानवाहक पोत है, जो समुद्र में भारत का सबसे ताकतवर सिपाही है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया और इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया। इसकी कीमत करीब 20,000 करोड़ रुपये है और इसमें 75% तक स्वदेशी सामान लगा है। ये भारत की आत्मनिर्भरता का बुलंद नारा है!
कितना दमदार है INS विक्रांत?
INS विक्रांत को ‘समुद्र का शेर’ कहें या ‘तैरता किला’, ये हर लिहाज से कमाल है। ये 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है। इसमें करीब 30,000 टन खास स्टील (DMR ग्रेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया से लिया गया) का इस्तेमाल हुआ है। ये एक तैरता हवाई अड्डा है, जो 30 से ज्यादा फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर ले जा सकता है। इसके डेक पर मिग-29K जेट, कामोव हेलीकॉप्टर और स्वदेशी ALH हेलीकॉप्टर तैनात हो सकते हैं।
इसके अलावा, इसमें चार ऑटोब्रेडा 76 mm गन और 4 क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) हैं, जो दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही ढेर कर सकते हैं। इसकी हाईटेक रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम इसे समुद्र में अभेद्य बनाते हैं।
पाकिस्तान को क्यों लगता है डर?
पाकिस्तान की नौसेना INS विक्रांत से खौफ खाती है, और ये कोई राज की बात नहीं। पाकिस्तान के पास 30 से भी कम युद्धपोत हैं, जबकि INS विक्रांत अपने बैटल ग्रुप के साथ एक ताकतवर युद्ध इकाई है। ऑपरेशन सिंदूर में इसकी तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को कराची हार्बर में ही कैद कर दिया। ये पोत न सिर्फ समुद्री जहाजों को निशाना बना सकता है, बल्कि इसके फाइटर जेट और मिसाइलें जमीनी ठिकानों पर भी सटीक हमले कर सकते हैं।
राजनाथ सिंह का दौरा क्यों खास?
राजनाथ सिंह का ये दौरा ऑपरेशन सिंदूर की जीत का जश्न मनाने और नौसेना के जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए है। इससे पहले वो श्रीनगर में थलसेना और भुज में वायुसेना के जवानों से मिल चुके हैं। INS विक्रांत पर उनकी मौजूदगी नौसेना की ताकत और भारत की रक्षा नीति को और मजबूत करने का मैसेज देगी। राजनाथ ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सियासी, सामाजिक और रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया है, जिसका असर पाकिस्तान के भीतर तक दिख रहा है।