गलवान घाटी में 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हुए खूनी संघर्ष में शहीद हुए भारतीय जवानों को याद करते हुए कांग्रेस ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा कि गलवान घाटी की उस दुखद घटना को 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन PM मोदी आज तक चीन को ‘लाल आंख’ दिखाने में नाकाम रहे हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि गलवान के बाद देश को उम्मीद थी कि मोदी सरकार चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी, लेकिन PM ने उल्टा चीन को ‘क्लीन चिट’ देकर शहीद जवानों के बलिदान का अपमान किया।
कांग्रेस ने अपने पोस्ट में लिखा कि मोदी का ये ‘चीनी प्रेम’ न सिर्फ उस वक्त भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक था, बल्कि आज भी देश के लिए घातक साबित हो रहा है। पार्टी ने शहीद जवानों के साहस, प्रेम और बलिदान को याद करते हुए कहा कि उनकी वीरता युगों-युगों तक प्रेरणा देती रहेगी।
गलवान के वीरों को कोटि-कोटि नमन
कांग्रेस ने अपने पोस्ट में गलवान घाटी के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “15 जून 2020 को गलवान घाटी में मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को कोटिशः नमन। आपके प्रेम, बलिदान, साहस और शौर्य को देश हमेशा याद रखेगा।” ये वो दिन था जब भारतीय सेना के 20 जवान चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हो गए थे। ये कई दशकों में भारत और चीन के बीच हुआ सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।
शहीदों की लिस्ट में कर्नल संतोष बाबू, नायब सूबेदार नुदूराम सोरेन, नायब सूबेदार मंदीप सिंह, सूबेदार सतनाम सिंह, हवलदार के। पलानी, हवलदार सुनील कुमार, हवलदार बिपुल रॉय, लांस नायक दीपक सिंह, सिपाही राजेश ओरंग, सिपाही कुंदन कुमार, सिपाही गणेश राम, सिपाही चंद्रकांत प्रधान, सिपाही अंकुश, सिपाही गुरबिंदर, सिपाही गुरतेज सिंह, सिपाही चंदन कुमार, सिपाही कुंदन कुमार, सिपाही अमन कुमार, सिपाही जयकिशोर सिंह और सिपाही गणेश हंसदा शामिल हैं। इन जवानों ने देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए।
राहुल गांधी का भावुक संदेश: ‘भारत माता के सपूतों को सलाम’
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी गलवान घाटी के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। रविवार को उन्होंने एक्स पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, “आज से पांच साल पहले, गलवान घाटी में हमारे बहादुर सैनिकों ने देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। उनकी बहादुरी, बलिदान और अदम्य साहस हर भारतीय के दिल में हमेशा जिंदा रहेगा। भारत माता के इन सच्चे सपूतों को सलाम। जय हिंद।”
राहुल गांधी ने अपने इस बयान में शहीदों की वीरता को याद करते हुए देशभक्ति का जज्बा जताया। उनकी इस पोस्ट को फैंस और समर्थकों ने खूब सराहा, लेकिन साथ ही कुछ लोगों ने इसे सियासी नजरिए से भी देखा। गलवान घाटी का मुद्दा हमेशा से ही भारत-चीन रिश्तों में एक संवेदनशील टॉपिक रहा है, और राहुल गांधी का ये बयान उस जख्म को फिर से ताजा करता है।
कांग्रेस का PM मोदी पर हमला: ‘चीन को क्लीन चिट क्यों?’
कांग्रेस ने अपने बयान में PM नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला। पार्टी ने कहा कि गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के बलिदान के बाद पूरा देश चाहता था कि सरकार चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए। लेकिन PM मोदी ने ऐसा कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी ने न सिर्फ चीन को ‘क्लीन चिट’ दी, बल्कि उनके इस रवैये ने भारतीय जवानों के पराक्रम का अपमान किया।
पार्टी ने अपने पोस्ट में लिखा, “गलवान घटना के बाद देश को उम्मीद थी कि PM मोदी चीन को सबक सिखाएंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। उनका ये चीनी प्रेम भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है।” कांग्रेस ने ये भी कहा कि मोदी सरकार की नीतियां आज भी देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बनी हुई हैं।
गलवान घाटी का वो दर्दनाक दिन
15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। ये झड़प इतनी गंभीर थी कि इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। कई चीनी सैनिक भी मारे गए, लेकिन चीन ने अपने सैनिकों की मौत का सटीक आंकड़ा कभी सार्वजनिक नहीं किया। ये घटना भारत-चीन सीमा विवाद के इतिहास में एक काला अध्याय बन गई।
गलवान घाटी की इस झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। भारतीय सेना के जवानों ने जिस तरह से चीनी सैनिकों का मुकाबला किया, वो देश के लिए गर्व की बात है। कर्नल संतोष बाबू और उनके साथी जवानों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की सीमा की रक्षा की। उनकी शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
सियासत में गलवान का मुद्दा
गलवान घाटी की घटना के बाद से ही ये मुद्दा सियासत का हिस्सा बन गया है। विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, लगातार केंद्र सरकार पर चीन के प्रति नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाती रही है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने न सिर्फ गलवान के बाद चीन के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए, बल्कि उनकी नीतियों ने देश की सुरक्षा को और कमजोर किया है।
वहीं, सरकार का कहना है कि उसने गलवान के बाद कई कदम उठाए, जिनमें सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाना और इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शामिल है। लेकिन कांग्रेस इन कदमों को नाकाफी बताती है। गलवान के 5 साल बाद भी ये मुद्दा देश की सियासत में गर्म है।
शहीदों की याद में देश एकजुट
गलवान घाटी के शहीदों की याद में पूरा देश एकजुट है। चाहे सत्तापक्ष हो या विपक्ष, सभी ने इन वीरों की शहादत को सलाम किया है। कांग्रेस और राहुल गांधी की श्रद्धांजलि ने एक बार फिर उन जवानों की वीरता को याद दिलाया, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी।
ये शहीद जवान न सिर्फ अपने परिवारों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। उनकी बहादुरी और बलिदान की कहानी हर भारतीय के दिल में बसी है। गलवान घाटी की घटना भले ही 5 साल पुरानी हो, लेकिन इसका दर्द आज भी ताजा है। देश इन वीरों को कभी नहीं भूलेगा।