नई दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को केंद्र सरकार से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में कानून पारित करने की मांग की. विहिप के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर राम-जन्मभूमि मामले की सुनवाई 2019 तक के लिए स्थगित कर दी है. यह पक्का है कि अपीली मुकदमे की सुनवाई के लिए हमेशा इंतजार करना समाधान नहीं है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून पास करवाने की हम अपनी मांग फिर दोहराते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “संसद का शीतकालीन सत्र आगे है, जिसमें यह कार्य किया जा सकता है.” कुमार के इस बयान से पहले सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या मामले को जनवरी 2019 में सक्षम पीठ के पास सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में विधेयक लाने में सरकार के विफल रहने की सूरत में विहिप के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनवरी में इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेला में संतों के सामने इस मुद्दे को रखा जाएगा.
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उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि यह सरकार राम भक्तों की सरकार है. भाजपा ने 1989 में पालमपुर सत्र के दौरान प्रस्ताव पारित किया था. वे इस लड़ाई में हमारे सहयोगी रहे हैं. हम उनके घोषणा-पत्र के लागू होने की राह देख रहे हैं. अन्य किसी प्रकार की परिस्थितियां पैदा होने पर हम मसले को कुंभ में 30 जनवरी को धर्म संसद के सामने रखेंगे.”
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कुमार ने सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं करने की सूरत में विहिप द्वारा कानून के लिए अभियान तेज करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा, “हम इसके लिए सभी सांसदों से मिलेंगे.” विहिप ने राम मंदिर मसले पर विचार-विमर्श करने के लिए जनवरी में इलाहाबाद में दो दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया है. कुमार से जब विपक्ष द्वारा भाजपा और अन्य भगवा संगठनों पर 2019 के लोकसभा चुनाव मसले को तूल देने का आरोप लगाने के बारे में पूछा गया गया तो उन्होंने कहा कि अदालत में मामला लटक रहा है और प्रतीक्षा समाधान नहीं है.