25 साल बाद सपा-बसपा ने साझा की प्रेस कॉन्फ्रेंस, बीजेपी पर जमकर बोला हमला
उत्तरप्रदेश की सियासत में भले ही आधिकारिक तौर पर सपा-बसपा के गठबंधन का ऐलान ना हुआ हो लेकिन मायवती ने अखिलेश ने बचाव में उतरकर अटकलों को हवा दे दी है कि 2019 लोकसभा चुनावों के लिए बुआ-बबुआ साथ मिलकर बीजेपीको परास्त करने के लिए तैयार है।
सोमवार को दोनों दलों की एकजुटता देखने को मिली। सपा-बसपा के बड़े नेताओं ने एक साथ प्रेस-कॉन्फ्रेंस की और बीजेपी की घेराबंदी की।
रामगोपाल यादव-सतीश चंद्र मिश्रा ने साझा की प्रेस कॉन्फ्रेंस-
दरअसल, यूपी में सीबीआई के छापे के बाद सियासत में भूचाल सा आ गया है। अवैध खनन मामले
में सपा के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव और बसपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने
संसद में संयुक्त तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और जमकर बीजेपी पर हमला बोला।
बीजेपी का सीबीआई से गठबंधन-
नेताओं ने कहा कि अभी तो गठबंधन हुआ भी नहीं है और इधर सरकार ने सीबीआई से गठबंधन कर
लिया है। राम गोपाल यादव ने कहा कि अवैध खनन के मामले में जो पीआईए दाखिल की गई है
उसमें कहीं भी अखिलेश यादव का नाम नहीं है लेतिन यूपी सरकार के मंत्री दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस
कर अखिलेश यादव का नाम बीच में ला रहे हैं। केंद्र के इशारे पर सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है।
अभी तो हमारे गठबंधन की बात ही हुई है। सड़क पर आए तो बीजेपी का चलना भी मुश्किल होगा।
ऐसा लगता है कि बसपा और सपा के साथ आने की बातें सुनकर बीजेपी घबरा गई है और हताश
होकर सरकार तोते (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है। सरकार सीबीआई के दम पर हमें डराना
चाहती है लेकिन बीजेपी का ये दांव उन्हीं पर उल्टा पड़ेगा।
सतीश मिश्रा का बयान
बसपा के सांसद सती मिश्रा ने कहा कि वास्तव में बीजेपी, सपा-बसपा से डर रही है। बीजेपी
सीबीआई की इन जांचों से जनता को मुख्य मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी को
उसी के साथी छोड़ कर जा रहे हैं तो बीजेपी सीबीआई को अपना साथी बना रही है। एक दिन में
प्रचार पर जितना खर्च किया जा रहा है, उससे रोज एक स्कूल बनाया जा सकता है। यूपी में आज ना
बच्चे सुरक्षित हैं और ना ही महिलाएं।
25 साल बाद साथ आए सपा-बसपा
आपको बता दें कि 25 साल के बाद यूं सपा-बसपा के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को साझा किया है।
इस तरह मायावती का अखिलेश यादव के बचाव में उतरना ये स्पष्ट करता है गठबंधन की बात
काफी आगे तक पहुंच चुकी है।