ममता के मंच पर दिखी थी एकता की ताकत, जानें अब कौन-कहां

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. सभी राजनैतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावे करने शुरु कर दिए हैं. कांग्रेस ने भी मंगलवार को घोषणा पत्र जारी करके ‘इस बार कांग्रेस सरकार’ का नारा बुलंद कर दिया है. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि साल 2019 की शुरुआत होते ही चुनावी महासमर का बिगुल फूंका गया था. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जहां बीजेपी सत्ता में वापस आने की कोशिश कर रही थी तो वहीं दूसरी तरफ 19 जनवरी को ममता बनर्जी की अगुवाई में विपक्षी एकजुटता दिखी जोकि ऐतिहासिक थी. लेकिन चुनाव नजदीक आते-आते विपक्षी एकता में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. तो आइए जानते हैं थोड़ा विस्तार से…
लोकसभा चुनाव 2019
साल की शुरुआत थी. दिन था 19 जनवरी का. जब ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के खिलाफ एकता की ताकत दिखाई थी. उन्होंने यूनाइटेड इंडिया की रैली बुलाई. इस रैली में कुल 22 दलों ने हिस्सा लिया. इस दौरान अरविंद केजरीवाल, एचडी कुमारस्वामी, चंद्रबाबू नायडू समेत करीब 44 बड़े नेता एक साथ मंच पर मौजूद थे. सबने एक स्वर में मोदी विरोधी के नारे लगाए.
कौन-कौन से दल थे शामिल
ममता बजर्नी के इस रैली में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, अभिषेक मनु सिंघवी, AAP के अरविंद केजरीवाल, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी, एचडी देवगौड़ा, टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुक-उमर अब्दुल्ला, राजद नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक के एम के स्टालिन, सपा के अखिलेश यादव, बसपा महासचिव सतीश मिश्रा, राकांपा नेता शरद पवार, रालोद नेता चौधरी अजीत सिंह, झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी मौजूद रहे थे.
लोकसभा चुनाव 2019
नहीं दिखे राहुल गांधी और मायावती
ममता की अगुवाई में विपक्षी एकता तो जरूर दिखी थी लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इस रैली से दूरी बनाए रखी थी. इसके पीछे का कारण माना जा रहा था कि रैली के जरिए ममता बनर्जी खुद को पीएम पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रही थीं जोकि कांग्रेस और बसपा को नागवार गुजरा था.
 
अब विपक्ष में कौन-कहां 
आज तीन महीने बाद विपक्ष की इस रैली के काफी कम दल एक साथ दिखाई देते हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ इस समय जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, तमिलनाडु नें डीएमके, कर्नाटक में जेडीएस, महाराष्ट्र में एनसीपी, झारखंड में जेएमएम-जेवीएम, बिहार में राजद-रालोसप-हम-वीआईपी, यूपी में अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) जैसी पार्टियां कांग्रेस के साथ हैं. वहीं ममता के साथ दिखने वाली कांग्रेस अब टीएमसी के साथ नहीं है. जबकि उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा के खिलाफ दम भर रही है.
लोकसभा चुनाव 2019
 
बन गए नए गठबंधन
यूनाइटेड रैली में ममता के साथ दिखने वाले कई विपक्षी दलों ने कांग्रेस का पाला छोड़ दिया है. तो कुछ ने अपना गठबंधन बना लिया है. जैसे उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा एक हो गई है. ममता और केसीआर के बीच तीसरे फ्रंट की तैयारियां जोरों पर हैं. तेलंगाना में केसीआर कांग्रेस के खिलाफ हैं, तो वहीं यूपी में भी सपा-बसपा कांग्रेस को पछाड़ने की कोशिश में है.

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