लखनऊ: चुनावी खर्चे की सीमा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने से रोक दिया है। यादव ने शुक्रवार को प्रचार के अंतिम दिन होने वाली अपनी सभी चार जनसभाओं को निरस्त कर दिया है। दूसरी तरफ सपा के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने प्रशासन पर अखिलेश यादव का चुनाव रद्द कराने के षडयंत्र का आरोप लगाया है। सपा अध्यक्ष यादव आजमगढ़ से प्रत्याशी हैं।
मायावती के साथ यादव ने बुधवार को आजमगढ़ के रानी की सराय में चुनावी रैली की थी। इसमें उपयोग हुए दो हैलीकाप्टर, सभा में आयी भीड़ के हजारों वाहनों, पण्डाल के साथ ही बीते दिनों हुए खर्चो का जिला प्रशासन ने जो हिसाब बनाया, वह चुनाव आयोग से तय खर्च सीमा प्रभावित हो रही है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे में यदि यादव शुक्रवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में तय कार्यक्रमों में हिस्सा लेते तो खर्च और बढ़ता, जो आयोग की तय आचार संहिता के उल्लंघन का कारण बन सकता था।
ऐसे में सपा अध्यक्ष यादव ने बृहस्पतिवार को अचानक ही अपनी चुनावी जनसभाओं का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। विदित हो कि आयोग ने लोकसभा प्रत्याशी के लिए 70 लाख रुपये खर्च की सीमा तय की है।आजमगढ़ में 12 मई को मतदान होना है। यहां 10 मई की शाम 5 बजे प्रचार थमेगा। सपा अध्यक्ष यादव 18 अप्रैल को नामांकन करने के बाद 8 मई को पहली जनसभा करने गये थे। प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र की गोपालपुर, सगड़ी, आजमगढ़ सदर और मेंहनगर विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं आयोजित कर मतदाताओं से संवाद करने का कार्यक्रम तय किया था।
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अब उन्होने अपने प्रचार की जिम्मेदारी स्थानीय पार्टी नेताओं पर ही छोड़ दी है। उधर आजमगढ़ के सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने जारी अपने बयान में तकनीकी बहाना बनाकर अखिलेश यादव का चुनाव रद्द कराने का षडयंत्र किए जाने का आरोप जिला प्रशासन पर लगाया है। यादव ने कहा है, आजमगढ़ गठबंधन का अजेय गढ़ है। हताशा में सत्ता के दवाब में निर्वाचन से जुड़ी संस्थाएं मुख्य रूप से जिला प्रशासन तकनीकी रूप से अखिलेश यादव का चुनाव रद्द कराने का बहाना ढूंढ रहा है।हवलदार यादव ने कहा है चुनाव प्रचार के आखिरी दो दिन शेष रहते चुनाव मद में खर्च की पूर्व निर्धारित दरों को संशोधित कर दिया गया है। सत्ता और प्रशासन की दुरभि संधि के कारण ही श्री यादव की शुक्रवार को होने वाली सभाओं को निरस्त किया गया है।