देवरिया शेल्टर होम कांड: एसआईटी जांच से इलाहाबाद हाईकोर्ट असंतुष्ट

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया शेल्टर होम मामले में अब तक हुई कार्रवाई पर असंतोष जताया है. कोर्ट ने शेल्टर होम के स्टाफ, आसपास रहने वालों, लड़कियों को ले जाने वाली कारों के ड्राइवरों का पता लगाकर उनका बयान दर्ज न करने पर नाराजगी जताते हुए एसआईटी की विवेचना के तरीके पर सवाल उठाए. कोर्ट ने यह भी पूछा कि शेल्टर होम के खिलाफ आवाज उठाने वाली लड़कियां कहां हैं.

पीड़िताओं के नाम उजागर करने पर जताई नाराजगी

मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ के समक्ष सोमवार को एडीजी क्राइम संजय सिंघल और एसएसपी देवरिया रोहन पी तनय भी मौजूद थे. कुछ मीडिया संस्थाओं द्वारा पीड़िताओं के नाम और पहचान उजागर करने पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि यदि भविष्य में फिर ऐसा होता है तो अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी. कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि ब्लैकलिस्ट हो चुके शेल्टर होम में लड़कियों को ले जाने वाले पुलिसकर्मियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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पीठ ने जानना चाहा कि शेल्टर होम की लड़कियों को किस वीआईपी के पास ले जाया जाता था, पुलिस ने यह जानने के लिए अबतक क्या किया है. देवरिया की घटना के बाद क्या प्रदेश के सभी शेल्टर होम में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय ले लिया गया है. सरकार और क्या कदम उठाने जा रही है. पीठ ने सरकार से पूछा कि क्यों न हर जिले के विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को इन नारी संरक्षण गृहों का निरीक्षण और जांच के लिए कहा जाए.

सरकार ने दी सफाई

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में तेजी से कार्रवाई की जा रही है. प्राथमिकी दर्ज कर शेल्टर होम संचालक और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. विवादित शेल्टर होम को सील कर दिया गया है. शेल्टर होम में 18 थानों की पुलिस ने लड़कियों को भेजा था. संबंधित थाना प्रभारी का तबादला कर दिया गया है. शेल्टर होम की 48 लड़कियों में से 47 लड़कियों को बरामद किया जा चुका है.

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अपर महाधिवक्ता ने बताया कि सरकार से मान्यता प्राप्त दो शेल्टर होम वाराणसी की गुड़िया संस्था द्वारा और नोएडा की उद्यान केयर संस्था द्वारा संचालित है. इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी.

अफसरों को मिला नोटिस

बालिका कांड की जांच कर रही एसआईटी ने सोमवार को एसपी और जिला प्रोबेशन अधिकारी के अलावा बाल कल्याण समिति और महिला हेल्पलाइन को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. टीम सभी का बयान दर्ज करेगी. पिछले चार दिनों में घटना से जुड़े लोगों से जानकारी जुटाने के बाद जांच टीम ने विवेचना अपने हाथ में लेने के साथ ही न्यायालय में 164 के बयान का भी अवलोकन किया.

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