मिशन 2019: आज से अमित शाह का यूपी दौरा, देंने जा रहे हैं जीत का फार्मूला !

उत्तर प्रदेश किस लिहाज से अहम है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा-बसपा गठबंधन कर प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर दी है. तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अपना ट्रंप कार्ड खेलते हुए यूपी के चुनावी महासंग्राम में प्रियंका गांधी को उतारकर कांग्रेस पार्टी में जान फूंक दी है.

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विपक्ष के इस तरकश से निकले तीर ने सत्ता रूढ़ बीजेपी खेमे में खलबली मचा दी है, और इसी नब्ज को टटोलने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उत्तर प्रदेश दौरे पर पहुंच रहे हैं.

करेंगे सीधा संवाद

बदली हुई परिस्थिति के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 30 जनवरी से 8 फरवरी के बीच छह बैठकों के जरिए करीब डेढ़ लाख बूथ प्रमुखों से संवाद स्थापित करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इस बीच कुंभ में डुबकी लगाने भी जाएंगे जहा हिंदुत्व की राजनीति को नई धार देने के साथ ही सहयोगी दल अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर गिला शिकवा दूर करेंगे.

मेरा बूथ सबसे मजबूत

सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी की एंट्री को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे. इस के तहत शाह की योजना बूथ प्रबंधन के जरिए ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत अभियान’ के तहत मत प्रतिशत को हर हाल में बढ़ाने की है. यही कारण है कि राज्य इकाई को सूबे के सभी छह जिलों से जुड़े बूथों की तैयारियों का जायजा लेंगे.

होगा गंभीर मंथन

यूपी दौरे की शुरुआत अमित शाह 30 जनवरी को कानपुर और लखनऊ से करेंगे तो वही 2 और 6 फरवरी को पश्चिमी यूपी में और 8 फरवरी को गोरखपुर और वाराणसी में बूथ प्रमुखों को अलग अलग संबोधित करेंगे. शाह बूथ प्रमुखों को समर्थक मतदाताओं का वोट हर हाल में 10 बजे तक करवाने, पहली बार मत डाल रहे युवाओं और केंद्रिय योजनाओं के लाभार्थियों से लगातार संपर्क साधने, सपा-बसपा गठबंधन को यादव-जाटव गठबंधन के रूप में प्रचारित करने का संदेश देंगे.

बैठक में बूथ स्तर की तैयारियों के लिए समय-समय पर दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की स्थिति पर भी गंभीर मंथन होगा. पार्टी सूत्रों की माने तो हर बैठक में करीब 25 हजार बूथ प्रमुख मौजूद रहेंगे साथ ही बैठकों में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, संगठन प्रभारी और सह चुनाव प्रभारी भी मौजूद रहेंगे.

एनडीए सहयोगियों से करेंगे मुलाकात

सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की कमान देने के साथ बीजेपी गंभीर चुनौतियां झेल रही है. एक ओर प्रदेश में सहयोगी दल भी लगातार सरकार और राज्य इकाई पर उपेक्षा करने का आरोप लगा रही हैं.

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एसबीएसपी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर राज्य के साथ साथ केंद्र सरकार पर भी हमलावर है. अपने यूपी प्रवास के दौरान शाह नाराज चल रहे एनडीए सहयोगी अपना दल और एसबीएसपी प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. शाह की योजना पहले इन दोनों दलों के प्रमुखों से दिल्ली में मुलाकात करने की थी, मगर खराब स्वास्थ्य के कारण इसे टाल दिया गया था.

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