लखनऊ के इंन्द्र गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल (एस) का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। अपना दल (एस) के इस अधिवेशन में एक बार फिर से अनुप्रिया पटेल को अध्यक्ष चुन लिया गया है। अनुप्रिया पटेल को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। अधिवेशन में निकाय चुनाव को लेकर उम्मीदवारों पर भी चर्चा हुई। इस अधिवेशने में कई अन्य पार्टी की नीतियों पर भी चर्चा की गई। इस अधिवेशन में पूरे प्रदेश के पदाधिकारी-कार्यकर्ता पहुंचे हैं। पार्टी के सभी 12 विधायक-सांसद अधिवेशन में शामिल हुए।
अपना दल (एस) का राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वो दौर भी आया जब डॉक्टर साहब हमारे बीच नही रहे। उस वक्त पार्टी से मेरा रिश्ता सिर्फ इतना था की मेरे पिता सोनेलाल पटेल पार्टी के कर्ताधर्ता थे। उनकी जलती हुई चिता के साथ मैने लाखो कार्यकर्ताओ को देखा था। आपके आंखों में आशु थे। उस वक्त आप लोगो को चिंता थी की अब पार्टी का क्या होगा। बाद में जो शोक सभा हुई थी तो आपके साथ पार्टी की कोर कमेटी ने मुझे पार्टी की महासचिव बनाकर इसकी बागडोर मुझे सौप दी। उनके कार्यकाल में परिवार का कोई भी सदस्य पार्टी की जिम्मेदार उठाने नही आया था। लाखो करोड़ो पार्टी के कार्यकर्ताओ की अपेक्षाएं मेरे साथ थी।
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मुझे डर सता रहा था लेकिन मैंने सोचा था कि शेर बाप की बेटी पीछे नही हटेगी। जिस काम को मेरे पिता छोड़कर गए है उसे मैं पूरा करूंगी। मैं अनुभवहीन थी लेकिन आप लोग का साथ और आपका भरोसा मेरे साथ था। ये मन की ताकत थी जिसने इस दल को उंचाई पर लाकर खड़ा कर दिया। 2012 में मैने पहला चुनाव लडा था। लोगो ने विपक्षी लोगो ने सोचा था की एक विधायक से क्या होगा। इसे तोड़ देंगे। लेकिन कोई ताकत अपना दल को नही तोड़ सकती।