नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया. उन्होंने 93 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी राजनीति के अजातशत्रु को नहीं बचा सकी. उनकी तबीयत को लेकर पिछले काफी समय से बेचैनी थी.
ये भी पढ़ें- नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
आज शाम 5 बजकर पांच मिनट पर अटल जी ने एम्स में अंतिम सांस ली है. उनकी मौत के बाद देश भर में शोक की लहर दौड़ गई. वाजपेयी के निधन की जानकारी मिलते ही एम्स में नेताओं और अन्य हस्तियों का तांता लग गया.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पहुंचने के बाद वाजपेयी के पार्थिव शरीर को एम्स से उनके निवास ले जाने की तैयारी की गई. पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को एम्स से उनके कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास ले जाया गया, जहां रातभर उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा.
Delhi: Preparations underway at the residence of former PM #AtalBihariVajpayee, where his mortal remains will be brought shortly. pic.twitter.com/kWn00X9Dpt
— ANI (@ANI) August 16, 2018
इसके बाद कल (17 अगस्त) सुबह 9 बजे उनके पार्थिक शरीर को दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर लाया जाएगा. यहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. फिलहाल बीजेपी के झंडे को पार्टी मुख्यालय में आधा झुका दिया गया है.
ये भी पढ़ें- हिंदुस्तान की सियासत का महाकाव्य हैं ‘वाजपेयी’
खबर है कि उनका अंतिम संस्कार स्मृति स्थल के पास किया जा सकता है. वाजपेयी के निधन के बाद राजघाट के शांतिवन इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है. एसपीजी को भी तैनात किया गया है.
The mortal remains of former PM #AtalBihariVajpayee will be kept at the BJP headquarters in Delhi tomorrow for last tributes. pic.twitter.com/xe7koN0tJv
— ANI (@ANI) August 16, 2018
बता दें कि करीब 2 महीनों पहले अटल बिहारी को AIIMS में भर्ती कराया गया था. अटल को किडनी की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नामक बीमारी से पीड़ित थे और वह साल 2009 से ही व्हीलचेयर पर थे.