अखिल भारतीय श्रीपंच रामानंदीय निर्वाणी अनी अखाड़ा के मुख्यालय हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत रमेश दास महाराज की सोमवार मृत्यु हो गई। वो कई महीनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।
जून के महीने में उनको उपचार के लिए लखनऊ रेफर किया गया था। जहां उनका कई महीनों तक लखनऊ के निजी चिकित्सालय शेखर हास्पिटल में भर्ती करा कर इलाज किया गया था।
महंत को हनुमान गढ़ी छोड़ने की नहीं है परंपरा
हनुमानगढ़ी अखाड़े के करीब पांच वर्षों के इतिहास में यह दूसरी घटना थी, जब किसी गद्दीनशीन महंत को हनुमानगढ़ी के किले की सीमा के बाहर कदम रखने की इजाजत दी गई है। अन्यथा नियमानुसार कोई भी गद्दीनशीन पद पर आसीन महंत सीमोल्लंघन नहीं कर सकता था।
कई महीनों से बेमियादी बुखार से थे पीड़ित
गद्दीनशीन महंत श्रीदास बीते कई महीनों से बेमियादी बुखार से पीड़ित थे लेकिन हनुमानगढ़ी परिसर से बाहर नहीं निकल पाने के कारण उनके निजी चिकित्सक डॉ. जेपी सिंह उनके आश्रम में ही आकर उनका उपचार कर रहे थे। बावजूद इसके उन्हें लाभ नहीं हो रहा था।