शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या आने और रामलला के दर्शन की यूपी सरकार ने भले ही अनुमति दे दी हो, लेकिन उद्धव ठाकरे ने अयोध्या आने के कार्यक्रम में अचानक तब्दीली कर दी गई है। जिसके पीछे वीएचपी के उस कार्यक्रम को मुख्य वजह माना जा रहा है जिसमें वो विराट धर्मसभा कर रहे हैं।
19 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा और राममंदिर से जुड़े कार्यक्रम को संगठन ने अंतिम रूप दे दिया था। वहीं दूसरी तरफ उसी तारीख को विहिप के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए शिवसेना प्रमुख के कार्यक्रम को बदल कर एक दिन पहले कर दिया गया है।
25 की जगह 24 को आएंगे उद्धव
सोमवार को कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे सांसद संजय राउत ने नए कार्यक्रम की रूप रेखा तय की। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार शिवसेना प्रमुख 25 की बजाय 24 नवंबर को ही अयोध्या पहुंचेंगे और प्रसिद्ध पीठ लक्ष्मणकिला में 11 सौ संतों, आचार्यों एवं रामकथा के विद्वानों को सम्मानित करेंगे। रात फैजाबाद में गुजारने के बाद सुबह रामलला का दर्शन और दोपहर में लक्ष्मणकिला में ही मीडिया से बात करने के बाद वापस चले जाएंगे।
विहिप की धर्मसभा के चलते बदला कार्यक्रम
विहिप ने शिवसेना प्रमुख के आने के दिन ही कार्यक्रम रखकर शिवसेना को अचंभित कर दिया था। विहिप की विराट धर्मसभा शिवसेना के राममंदिर प्लान की काट माना जा रही है। इस समीकरण के पीछे आयोजन की तारीख है। शिवसेना ने पिछले महीने से ही 25 नवंबर को अयोध्या में सभा की तैयारी शुरू कर दी थी। ऐसे में यह अनुमान लगाया जाने लगा था कि शिवसेना मंदिर मुद्दा हथियाने की मुहिम के तहत रामनगरी में ही विहिप को चुनौती देगी।
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शिवसेना के कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं- विहिप
शिवसेना के जवाब में विहिप उसी तारीख को धर्मसभा का एलान करेगी ये किसी को नहीं पता था। हालंकि विहिप ने सफाई देते हुए कहा है कि शिवसेना के कार्यक्रम से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसके विपरीत शिवसेना विहिप की धर्मसभा को लेकर सकते में है।