बिहार में मोदी: 3 रैलियां लेकिन निशाने पर सिर्फ लालू परिवार, PM के 3 भाषणों की 10 बड़ी बातें

पटना: बिहार विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण का मतदान जारी है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में तूफानी रैलियां कर रहे हैं। पहली रैली दरभंगा, दूसरी मुजफ्फरपुर और तीसरी पटना में हुई। इस दौरान पीएम ने कहा कि राम मंदिर की तारीख पूछने वाले अब मजबूरी में ताली बजा रहे हैं। हालांकि तीन रैलियों में पीएम के निशाने पर सिर्फ लालू परिवार रहा।

पढ़िए पीएम नरेंद्र मोदी के तीन भाषणों की 10 बड़ी बातें

  • बिहार के लोग ये ठान चुके हैं- बिहार में जंगलराज लाने वाली ताकतों को फिर परास्त करेंगे। बिहार को लूटने वालों को फिर हराएंगे। इस प्रतिभाशाली धरती के नौजवानों को धोखा देने वालों को फिर हराएंगे। बिहार की महिलाओं का जीना दूभर कर देने वालों को फिर हराएंगे।

 

  • जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वो लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे। बिहार के गरीब की आकांक्षा, बिहार के मध्यम वर्ग की ये आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वो ये काम कर सकते हैं

 

  • बीते डेढ दशक में बिहार ने नीतीश जी की अगवाई में कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूती से बढ़ाए हैं। NDA सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है।

 

  • पहले अस्पताल में एक डॉक्टर का मिलना दुर्लभ था। अब जगह-जगह मेडिकल कॉलेज और AIIMS जैसी सुविधाओं की आकांक्षा है। पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खड़ंजा बिछ जाए, अब हर मौसम में बनी रहने वाली चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है। पहले सामान्य रेलवे स्टेशन भी एक सपना थे। अब स्टेशन तो आधुनिक सुविधाओं से जुड़ ही रहे हैं, नए-नए रेल रूट शुरू किए जाने की भी आकांक्षा है।

 

  • पहले के समय, जो लोग सरकार में थे, उनका मंत्र रहा है- पैसा हजम, परियोजना खत्म। उन्हें कमीशन शब्द से इतना प्रेम था कि कनेक्टिविटी पर कभी ध्यान ही नहीं दिया

 

  • एनडीए सरकार चाहे केंद्र में हो, या बिहार में, महिला सशक्तिकरण के अभूतपूर्व प्रयास चल रहे हैं। बेटियों की पढ़ाई, दवाई से लेकर कमाई तक, एक के एक कदम उठाए गए हैं। विकास और सुशासन के मूल में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है। विकास हो- दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, नौजवान, महिलाएं सबका विकास हो। कोई न पीछे रहे, न ही किसी से भेदभाव हो। इसी सोच के साथ NDA सरकार काम कर रही है, भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने में जुटी है।

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  • वो दल जिन्होंने बिहार को अराजकता दी, कुशासन दिया वो फिर मौका खोज रहे हैं। जिन्होंने बिहार के नौजवानों को गरीबी और पलायन दिया, सिर्फ अपने परिवार को हजारों करोड़ का मालिक बना दिया, वो फिर मौका चाहते हैं। वो दल जो बिहार के उद्योगों को बंद करने के लिए बदनाम हैं, जिनसे निवेशक कोसों दूर भागते हैं, वो लोग बिहार के लोगों को विकास के वायदे कर रहे हैं। सरकारी नौकरी तो छोड़िए, इन लोगों के आने का मतलब है, नौकरी देने वाली प्राइवेट कंपनियां भी बिहार से भाग जाएंगी।

 

  • बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की भावना के साथ आपको इस बार अपना वोट भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी के गठबंधन यानी NDA को देना है। याद रखिए आपका एक-एक वोट बिहार को फिर से बीमार होने से बचाएगा।

 

  • ये समय हवा-हवाई बातें करने वालों को नहीं, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को एक गहरे अंधेरे से निकालकर यहां लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का है। आप कल्पना कर सकते हैं, एक तरफ महामारी हो और साथ ही जंगलराज वाले राज करने आ जाएं तो ये बिहार के लोगों पर दोहरी मार की तरह हो जाएगा। जंगलराज के युवराज से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है।

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  • बिहार में आईटी हब बनने की, पूरी संभावना है। यहां पटना में भी I.T की बड़ी कंपनी ने अपना ऑफिस खोला है। सिर्फ ऑफिस ही नहीं खुला है, बिहार के नौजवानों के लिए नए अवसर भी खुले हैं। बीते वर्षों में दर्जन भर बीपीओ पटना, मुजफ्फरपुर और गया में खुले हैं। केंद्र सरकार की ग्रुप-बी और ग्रुप-सी की भर्तियों से इंटरव्यू खत्म कर दिया गया है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था।अब कंपीटिटिव एग्जाम की व्यवस्था में भी अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं।

 

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