बिहार में एनडीए गठबंधन से रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने नाता तोड़ने के पुख्ता संकेत दे दिए है। मोदी से मिलकर गठबंधन की बात करने का अल्टीमेटम देने वाले कुशवाहा की मियाद शुक्रवार को पूरी हो गई।
जिसके बाद बिहार में एनडीए डूबती नाव, सवारी करना आत्मघाती बताकर हाथ छुड़ाने की तैयारी कर ली है। मतलब अब सिर्फ औपचारिकता पूरी की जानी बाकी है।
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बीजेपी ने नीतीश कुमार के सामने घुटने टेके
अमित शाह, बीजेपी की तरफ से कोई जवाब और मोदी से मिलने की सूरत बनते न देख कुशवाहा ने आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने घुटने टेक दिए हैं। साथ ही नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि नीतीश कुमार जिस नाव की सवारी करेंगे, उसका डूबना तय है। ऐसे में बिहार में एनडीए का बेड़ा पार नहीं लगने वाला। अब भी समय है, भाजपा नीतीश कुमार को पतवार न दे तो नाव डूबने से बच सकती है।
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गठबंधन तोड़ने की औपचारिकता बाकी
बीते कई दिनों से चल रही एनडीए और उपेंद्र कुशवाहा के बीच खाई पटने की बजाय बढ़ती ही नजर आई। कुशवाहा के बयान के बाद साफ संकेत मिल रहे हैं कि रालोसपा का एनडीए से अलग होने की घोषणा किसी भी पल हो सकती है। अब इंतजार पार्टी शिविर का है। जो आने वाली 4 व 5 दिसम्बर को वाल्मीकि नगर में होना है। शिविर में ही संभवतः फैसले पर मुहर लग जाएगी। फिर 6 दिसम्बर को मोतिहारी में होने वाले खुले अधिवेशन में इसे सार्वजानिक किया जा सकता है।
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सीट बंटवारे के लिए 30 नवंबर तक दिया था समय
एनडीए और कुशवाहा के बीच काफी समय से लोकसभा सीटों को लेकर खींचतान चल रही थी। कुशवाहा ने सीटों का बंटवारा करने के लिए बीजेपी को 30 नवम्बर का समय दिया था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का समय न मिलने के बाद वह प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी पूरी बात कहना चाहते थे, लेकिन चार दिन तक दिल्ली में बैठने के बाद भी उनको निराशा हाथ लगी।