बरेली मामला: एसएसपी बने ‘सिंघम’ और विधायक मिश्रा की अभी तक मुख्यमंत्री से नहीं हुई बात

लखनऊ: विधायक राजेश मिश्रा उर्फ़ पप्पू भरतौल के खिलाफ मुकदमे को लेकर बरेली का सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है. विधायक गिरफ्तार तो नहीं किये गए हैं मगर वर्ग विशेष ने एसएसपी मुनिराज के पक्ष में सोशल मीडिया पर मुहीम छेड़ दी है. इसमें उन्हें बरेली का सिंघम बताकर हीरो की तरह पेश किया जा रहा है. इस प्रकरण में स्थानीय विधायक व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल की चुप्पी को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं.

हालांकि, पप्पू भरतौल ने ‘राजसत्ता एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद है देर सबेर वित्त मंत्री भी उनके समर्थन में बयान जारी करेंगे. वैसे अभी तक मुख्यमंत्री आदित्य नाथ से भी उनका संपर्क नहीं हो पाया है.

बिथरी चैनपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा के खिलाफ पुलिस ने तमाम गैरजमानती आपराधिक धाराओं में मुक़दमे लिखे हैं. दरअसल राजेश मिश्रा के क्षेत्र में सावन के दौरान क़ानून व्यवस्था के नाम पर कांवड़ यात्रा नहीं निकलने दी गयी थी. पिछले दिनों मुहर्रम पर ताजियों का जुलुस निकालने का नंबर आया तो विधायक ने विरोध करके नयी परंपरा नहीं पड़ने दी. पुलिस ने विधायक और उनके पुत्र समेत करीब दो दर्जन लोगों के खिलाफ भीड़ के साथ बलवा करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली हैं. उनकी गिरफ्तारी को दबिश भी दी गयी. सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिले में बवाल खड़ा हो गया है. राजेश मिश्रा के पक्ष में पार्टी संगठन और उसके जनप्रतिनिधियों का एक बड़ा वर्ग लामबंद है.

ये भी पढ़ें- विधायक के खिलाफ कार्रवाई से बरेली बीजेपी में बवाल, ब्राह्मण भड़के, एसएसपी को हटाने की मांग

बरेली से सांसद संतोष गंगवार केंद्र में मंत्री हैं. इसके अलावा धर्मपाल सिंह और राजेश अग्रवाल के तौर पर योगी कैबिनेट में दो चेहरे बरेली से शामिल हैं. वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल को छोड़ सभी भाजपा जनप्रतिनधियों ने पप्पू भरतौल के खिलाफ मुक़दमे पर सार्वजनिक गुस्से का इजहार किया है. राजसत्ता एक्सप्रेस से बातचीत में विधायक ने कहा कि एसएसपी मुनिराज उत्पीड़न पर उतारू है.

एसएसपी ने उनके क्षेत्र में निर्दोष ग्रामीणों पर बर्बरता से लाठियां चलवाईं. बच्चे और महिलाएं भी नहीं बख्शे गए. पीटने वालों में दलित और अति दलित वर्ग के लोग शामिल थे. राजेश मिश्रा ने कहा कि वह तो आईजी और एडीजी से मिलकर आए हैं. खुलकर कह रहे हैं कि गिरफ्तार करो लेकिन सबको पता है जनता का समर्थन मेरे साथ इसलिए है क्योंकि मैंने इन्साफ की बात की है.

पार्टीहित में एसएसपी को तत्काल हटाया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा- अभी सिर्फ जिले के प्रभारी मंत्री बृजेश पाठक और पुलिस महानिदेशक से बात हो सकी है. राजेश अग्रवाल जी बड़े भाई हैं. जिले के सभी सांसद  विधायक उनके समर्थन में खड़े हैं. राजेश जी भी बयान जारी करेंगे, इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए.

उधर सोशल मीडिया पर एसएसपी मुनिराज को सिंघम बताकर पेश किया जा रहा है. समाजवादी पार्टी समेत सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियां विधायक के खिलाफ कार्रवाई को न्याय संगत कार्रवाई बता रही हैं. सपा के जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव ने कहा है कि बिथरी चैनपुर में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की लगातार कोशिश हो रही थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इन तत्त्वों को कानून का डंडा दिखाया है जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. उम्मीद की जानी चाहिए कि सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक होने की वजह से पुलिस-प्रशासन के काम काज में हस्तक्षेप नहीं होगा.

ये भी पढ़ें- शिवपाल की गुगली से दोराहे पर मुलायम, पुत्र और भाई में से किसके साथ नेताजी ?

उल्लेखनीय है कि राजेश मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई को ब्राह्मण एंगल से भी देखा जा रहा है. वो इसलिए क्योंकि उन्नाव रेप मामले में फंसे भाजपा विधायक सेंगर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई बहुत शिथिल रही थी. मीडिया के लगातार दबाव के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. जबकि राजेश मिश्रा के खिलाफ बिना देर 7 क्रिमिनल एक्ट जैसी गैरजमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और गिरफ्तारी के लिए अविलम्ब उनके आवास पर दो बार दबिश दी गयीं.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles