बीजेपी को 1 साल में मिला 1 हजार करोड़ का चंदा, 567 करोड़ खर्च किए चुनाव प्रचारों पर
मोदी सरकार ने राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता बरतने के लिए इलेक्ट्रॉल बॉन्ड स्कीम शुरू की थी. बीजेपी ने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया में अपनी ऑडिट एंड इनकम टैक्स रिपोर्ट जमा कराई है. उससे तो यह पता चलता है कि इससे बीजेपी को फायदा मिला है. मार्च 2018 में कुल 222 करोड़ रूपये के बॉन्ड जारी किए थे जिसमें बीजेपी के हिस्से करीब 95 फीसदी आए है.
बीजेपी को 2017-2018 में 1027 करोड़ का चंदा मिला है. जिसमें से उन्होंने 567 करोड़ रूपये सिर्फ चुनाव और प्रचार पर खर्च किए है. बीजेपी ने इस दौरान कुल 758 करोड़ खर्च किए है. जिसमें उन्होंने 22 करोड़ रूपये अपने कर्मचारियों को दिए है.
बीजेपी ने साल 2017-2018 की जो आडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को दी है उसमें 31 मार्च 2018 तक की ही जानकारी है. इलेक्ट्रॉल बॉन्ड स्कीम का पहला चक्र 1-10 मार्च के लिए चला था. सरकार ने ही लोकसभा में जानकारी दी थी कि पहली किस्त में 222 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए थे.
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड स्कीम के तहत चंदा देने वालों का नाम गुप्त रखा जाता है. इसलिए यह नहीं पता लगाया जाता सकता कि बीजेपी को यह चंदा किसने दिया है. इसका मतलब बीजेपी को 52 फीसदी से ज्यादा का चंदा किसने दिया है यह नहीं पता लगाया जाता.