एससीएसटी एक्ट का विरोध, नोटा का अभियान दरकिनार कर बीजेपी 2019 के लिए अगड़ों को पीछे कर पिछड़ों को आगे करने की नीति पर काम करने जा रही है. इसकी कार्ययोजना बन चुकी है और राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद यूपी में शीर्ष नेतृत्व में परिवर्तन कर पिछड़ों और दलितों को आगे करके बड़ा संदेश देने की तैयारी में हैं. जिसके लिए जल्द ही कुछ बड़े सवर्ण नेताओं के पर काटकर दलितों, पिछड़ों को आगे करके नई तस्वीर बनाने की तैयारी है. जिसका पहला शोकेस सरकार के शीर्ष नेतृत्व में जगह देने की तैयारी है. जिसके लिए दिल्ली से अमित शाह लखनऊ पहुंच रहे हैं. जहां वो सरकार और संगठन की क्लास लेंगे.
सवर्ण नेताओं की होगी छुट्टी !
24 अक्टूबर को अमित शाह लखनऊ के दौरे पर हैं, जहां वो 2019 के लिए अभियानों की रूपरेखा तय करेंगे. साथ ही सौ से ज्यादा अभियानों की योजना की समीक्षा करेंगे. पार्टी के अंदर योगी सरकार में भी कुछ सवर्णों की छुट्टी और डिमोट करके पिछड़े, दलित विधायकों का प्रमोशन करने की तैयारी है. जिसको लेकर कई मंत्रियों की छुट्टी होनी तय मानी जा रही है. मंत्रियों के कामकाज का भी अमित शाह कार्यकर्ताओं से फीड बैक लेंगे. सूत्रों की माने तो सरकार में सवर्णों की संख्या में कटौती की जाएगी. ताकि दलितों, पिछड़ों का सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलने का संदेश दिया जा सके.
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सरकार का चेहरा बदलने की तैयारी
बीजेपी और खुद पीएम ने 2017 में दलितों को पार्टी से जोड़ने की जो कवायद की थी. उसका असर ये हुआ की बीजेपी की प्रदेश में बंपर बहुमत मिला. लेकिन जब सरकार का गठन हुआ तो प्रमुख मंत्रियों के पदों पर केशव प्रसाद मौर्य को छोड़कर ज्यादातर सवर्णों को जगह मिली. जिसके बाद दलितों, पिछड़ों में उपेक्षा का संदेश जा रहा था, जिसके बाद बीजेपी अब दलित नेताओं का सरकार में प्रमोशन देने की तैयारी कर रही है. जिसमें पश्चिम और पूर्वांचल के नेताओं को स्थान मिल सकता है.
आगरा में सीएम योगी ने दिए संकेत
आगरा में अनुसूचित जाति सम्मेलन में सीएम ने इस बात के पर्याप्त संकेत दिए हैं. सीएम ने यहां आदि कवियों और रचयिताओं का जिक्र करते हुए कहा था कि दलित ऋषि मुनियों ने वेद और शास्त्र लिखे हैं. जिनको इतिहास आज भी याद करता है. बीजेपी भी हमेशा दलितों और पिछड़ों के लिए काम करती रही है. जबकि विपक्ष ने सिर्फ इनको वोट के लिए इस्तेमाल और लूटा है. बीजेपी को सच्चा हितैषी बताते हुए कहा कि ये लोग राम के सच्चे भक्त है, इसीलिए अपने नाम के साथ राम शब्द को जोड़ते हैं.
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क्या है बीजेपी का एजेंडा
दलितों के एजेंडे पर काम कर रही बीजेपी ने एमपी के महू में बाबा भीमराव अंबेडकर का स्मारक, नागपुर, मुंबई, दिल्ली ही नहीं इंग्लैंड तक में बाबा साहब के हॉस्टल का रिनोवेशन कराया. पीएम मोदी ने खुद जाकर हॉस्टल के कमरे को संग्रहालय के रूप में स्थापित करने का ऐलान किया.
सरकारी दफ्तर में दिखती है बाबा साहब की फोटो
पहले सरकारी दफ्तरों में सिर्फ महात्मा गांधी की तस्वीर दिखती थी. बदली परिस्थिति में हर अधिकारी के कमरे और दफ्तरों में बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर दीवार में टंगी मिल जाती है. जिसका सरकारी आदेश भी जारी कर दिया गया है.
बीजेपी का 2019 का अभियान
बीजेपी 2019 के लिए विस्तृत प्लान बनाया है. जिसके लिए 168 अभियानों को शुरु करने की तैयारी है. जिनमें दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रतिनिधित्व करने की तैयारी है.
10 से 15 नवंबर तक बूथ समिति अभिनंदन कार्यक्रम
बूथ के 21 सदस्यों का किया जाएगा सम्मान
1.40 लाख बूथों पर 30 लाख कार्यकर्ताओं का किया जाएगा सम्मान
17 नवंबर को प्रदेश के 80 लोस क्षेत्रों में बाइक रैली निकाली जाएगी
एक से 15 दिसंबर तक 403 विधानसभा क्षेत्रों में पदयात्राएं
150 कार्यकर्ता रोज 15 किलोमीटर के दायरे में 1.50 करोड़ लोगों से मिलेंगे
’26 जनवरी को केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के घर विकास का प्रतीक दीपक जलाए जाएगा.’
दो से लेकर चार नवंबर तक 80 लोकसभा क्षेत्रों में बैठकों का आयोजन
प्रदेश भर में एससी समाज के सात बड़े सम्मेलनों का होगा आयोजन
लखनऊ में एससी श्रेणी की सभी जाति विशेष का होगा सम्मेलन
हर बूथ पर अनुसूचित जाति के दो कार्यकर्ताओं को दी जाएगी जिम्मेदारी
बीजेपी को 2.80 लाख कार्यकर्ता मिलने की उम्मीद.