नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को राफेल डील पर सार्वजनिक बहस करवाने की बात कही है. बंगाल में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोदधित करते हुए चिदंबरम ने कहा ये मामला बहुत गंभीर है और इसकी जांच करवाई जानी चाहिए. उन्होने कहा कि ये मामला गंभीर है इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को उठा रही है.
वहीं पी चिदंबरम ने राहुल गांधी द्वारा बर्लिन में दिए 1984 के दंगों वाले बयान पर चल रहे विवाद पर भी सफाई दी है. उन्होने कहा कि 1984 में कांग्रेस सत्ता में थी औऱ उस समय बहुत बुरी चीज हुई, जिसके लिए मनमोहन सिंह जी संसद में माफी भी मांग चुके हैं.उन्होने कहा कि राहुल गांधी को इसके लिए जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता है.
बता दें कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश संसद के कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस का कोई रोल नही था. राहुल ने कहा कि वो मानते हैं कि सिख दंगे बहुत भयावह थे लेकिन इनमें कांग्रेस किसी तरह शामिल नही थी.
राहुल के इस बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू कर दिया. भाजपा के सचिव सरदार आर.पी. सिंह ने कहा, “राहुलजी सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए गुरु नानक देवजी का नाम ले रहे हैं। उनके लिए सिख सिर्फ वोटबैंक हैं। राहुल को जघन्य अपराध के लिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के सामने माफी मांगनी चाहिए।”
बता दें कि 1984 में इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्ड द्वारा हत्या किए जाने के बाद देश भर में सिखों को मारा जाने लगा था. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दंगों में जगदीश टाइटलर औऱ सज्जन कुमार जैसे कई कांग्रेस नेताओं का हाथ था. वहीं सिख दंगों में राजीव गांधी के दिए बयान काफी विवादास्पद रहा जिसमें उन्होने कहा था जब बड़े पेड़ गिरते हैं तो धरती हिलती है.