देहरादून: प्रदेश सरकार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. सरकार पर प्रदेश के सात नगर निगमो में मेयर पद के लिए गलत तरीके से आरक्षण तय करने का आरोप लगा है. जिसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस चुनौती में सात निगमों में से पांच निगमों में मेयर पदों को आरक्षण में लाए जाने को आधार बनाया गया है. बता दें की कोर्ट 26 अक्तूबर को इस मामले में सुनवाई कर सकती है.
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हाईकोर्ट के अधिवक्ता डीके त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने प्रदेश के सात नगर निगमो में मेयर पद के लिए गलत तरीके से आरक्षण तय किया है. अभी सरकार सात नगर निगमों में चुनाव करा रही है. मेयर के सात पदों में से पांच पद आरक्षित कर दिए गए हैं और दो पद अनारक्षित हैं.
यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आरक्षण पचास प्रतिशत से अधिक नही हो सकता. सरकार ने यह आरक्षण सत्तर प्रतिशत कर दिया है. याचिका में आरक्षण की प्रक्रिया को दोबारा तय करने की मांग की गई है. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को हो सकती है.