द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार आरोपी यानी सांसद बृजभूषण जानते थे कि वह क्या कर रहे हैं? और उनका इरादा पहलवानों की गरिमा को ठेस पहुंचाना था। अतिरिक्त लोक अभियोजक यानी APP अतुल कुमार श्रीवास्तवव ने कोर्ट में बहस करते हुए कहा, “जब भी और जहां भी मौका मिला, उन्होंने शिकायत करने वाली महिला पहलवानों की गरिमा को ठेंस पहुंचाई।” उन्होंने आगे कहा कि धारा 354 के तहत मामला बनाने के लिए पीड़िता की प्रतिक्रिया कोई मायने नहीं रखती।
सांसद बृृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने तर्क दिया कि गलत इरादे के बिना किसी महिला को छूना आपराधिक गतिविधि नहीं बनता है। अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “धारा 354 के तहत मामला बनाने में पीड़िता की प्रतिक्रिया कोई मायने नहीं रखती है।
दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवान की एक शिकायत का जिक्र किया। एक महिला ने तजाकिस्तान में हुए एक इवेंट के बारे में शिकायत की थी। शिकायत में बताया था कि ब्रजभूषण शरण सिंह ने कमरे में बुलाया और जबरदस्ती गले लगाया। विरोध करने पर बृजभूषण ने कहा कि पिता की तरह व्यवहार किया था। इससे पता चलता है कि बृजभूषण को पता था वह क्या कर रहे हैं।
इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट में हो रही थी। अब अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।