यूपी में अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर, सरकार ने लगाया एस्मा

चुनावी साल में सरकार पर दबाव बनाते हुए उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के करीब 40 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन समेत कई मांगों को लेकर आज से हड़ताल पर चले गए हैं. इस बीच राज्य सरकार ने हड़ताल को देखते हुए एस्मा लगा दिया है. राज्य सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस हड़ताल का असर परीक्षा, निर्वाचन और आवश्यक सेवाओं पर बिल्कुल नहीं पड़ना चाहिए.

प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) ने उन सभी कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक भी की, जो हड़ताल में शामिल नहीं हैं. सरकार इनका इस्तेमाल कर हड़ताल को बेअसर साबित करना चाहती है. प्रदर्शन की संभावित जगहों पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं.

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हड़ताल पर रोक के लिए एस्मा लागू

राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के मद्देनजर योगी सरकार ने आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगा दिया है. एस्मा लागू करते हुए सरकार ने सभी विभागों और निगमों में हड़ताल पर अगले छह महीने तक के लिए रोक लगा दी है.

मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय ने इस संबंध में सोमवार रात ही अधिसूचना जारी कर दी थी. इस महाहड़ताल में करीब 150 संगठनों के 20 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एक हफ्ते के हड़ताल पर हैं. सरकार की ओर से एस्मा लगाए जाने के बावजूद हड़ताल पर गए प्रदेश के तमाम सरकारी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा.

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जारी अधिसूचना के मुताबिक राज्य के कार्य-कलापों से संबंधित किसी भी लोकसेवा, राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाले किसी निगम या स्थानीय प्राधिकरण में हड़ताल पर एस्मा-1966 की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत अगले छह महीने के लिए रोक लगा दी गई है.

एस्मा लगने के बाद हड़ताल अवैध

आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत डाक सेवाओं, रेलवे और हवाई अड्डों समेत कई आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी शामिल किए जाते हैं. एस्मा लगाए जाने के बाद हड़ताल को अवैध माना जाता है. इस नियम का उल्लंघन करने वालों के लिए एक साल तक की जेल सजा का प्रावधान है

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