पंचायती ही नही, अनुच्छेद 35 ए के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी बॉयकोट कर सकते हैं फारूक अब्दुल्ला!

अब्दुल्ला ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार अनुच्छेद ए पर सरकार अपना रुख साफ नही करती है तो हम न केवल पंचायती चुनाव बल्कि विधान सभा और लोकसभा चुनावों को भी बॉयकोट करेंगे.

नई दिल्ली: नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने संविधान के अनुच्छेद 35 ए पर सरकार को फिर से चेतावनी दी है.

अब्दुल्ला ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार अनुच्छेद ए पर अपना रुख साफ नही करती है तो वो न सिर्फ पंचायती चुनाव बल्कि विधान सभा और लोकसभा चुनावों को  भी बॉयकोट करेंगे.

बता दें कि इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने 35 ए पर सरकर को अपना रुख साफ करने की चेतावना दी थी. अब्दुल्ला ने कहा था कि सरकार यदि 35 ए पर अपनी स्थिति नही बताती है तो वो आगामी पंचायती चुनावों का बॉयकोट करेंगे.

एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा पर उन्होने कहा, “जिस तरह से मीडिया ने नवजोत सिंह सिद्धू को टारगेट किया उससे पता चलता है कि कुछ ऐसे लोग हैं जो भारत और पाकिस्तान के संबंधों को सुधारना नही चाहते हैं. लेकिन जम्मू कश्मीर के लिए भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार होना जरूरी है.”

वहीं कार्यक्रम के दौरान उन्होने भारतीय जनता पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा है. उन्होने कहा कि किसी मुस्लमान ने कभी किसी हिंदू या ईसाई को अपना धर्म का पालन करने का तरीका बदलने को नही कहा, लेकिन जब ये हमें नमाज पढ़ने से और अजान पर रोक लगाते हैं तो ये गांधी के भारत को बदलने की कोशिश करते हैं. यदि उन्हें देश को बचाना है तो उन्हें सभी धर्मों की इज्जत करनी होगी.

पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने को लेकर उन्होने अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. उन्होने कहा कि जब एक अटल बिहारी वाजपेयी जैसे आरएसएस नेता ने देश के प्रधानमंत्री होते हुए पाकिस्तान को एक राष्ट्र के तौर पर स्वीकार किया और दोस्ती बढ़ाने की कोशिश की थी. यदि हम अपने पड़ोसी देश के साथ दोस्ताना संबंध रखते हैं तो दोनो देश तरक्की करेंगे. मुझे उम्मीद है प्रधानमंत्री इस बारे में सोचेंगे और इस उचित कदम उठाएंगे.

 वहीं फारूक अब्दुल्ला ने अपने कार्यकर्ताओं को सचेत करते हुए कहा, “एजेंसियां फिर से ये अफवाह फैला रही हैं कि कश्मीरी पंडित डरे हुए हैं. जिस तरह जगमोहन( 1984 से 1989 के दौरान कश्मीर के राज्यपाल) के दौरान हुआ. जब एजेंसियों ने सोचा था कि वो अफवाहें फैला देंगे ताकि कश्मीरी पंडित कश्मीर से चले जाएंगे जिससे बाकि देश में विवाद होगा और हिंदु मुस्लमान मारे जाएंगे.”

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