आजादी के 71 साल बाद पहुंची बस तो लोगों ने किया ढोल-दमाऊ बजाकर स्वागत

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 200 किलोमीटर दूर स्थित चकराता ब्लॉक की डांगूठा और पटियूड़ पंचायत तक बस पहुंचने में 71 साल का समय लग गया. डांगूठा व पटियूड़ गांव में रविवार को पहली बार 42 सीटर यात्री बस पहुंची, जिसके बाद गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उत्साहित लोगों ने पहली बार गांव में बस पहुंचने की खुशी पर जोरदार जश्न मनाया.

ठेकेदार और पीएमजीएसवाई का स्वागत

गांव वालों ने ढोल-दमाऊ यानि स्थानी वाद्य बजाए. साथ ही सडक बनाने वाले ठेकेदार और पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना) अधिकारियों का परंपरागत ढंग से स्वागत किया. इस गांव की आबादी 1 हजार है. लोगों को सड़क तक पहुंचने के लिए अब तक 8 किलोमीटर की दूरी पैदल नापनी पड़ती है. वहीं दो साल पहले सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत क्षेत्र के लिए दारागाड़-कथियान मोटर मार्ग से साढ़े सात किलोमीटर लंबे डांगूठा-पटियूड़ लिंक मार्ग के निर्माण को मंजूरी दी.

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सपना हुआ सच

पीएमजीएकवाई के अधिकारी, ठेकेदार और ग्रामीण पहली बार इस सड़क से 42 सीटर बस में सवार हो कर पटियू़ड व डांगूठा गांव पहुंचे. वहीं ग्राम प्रधान रुकमा देवी, ग्रामीण नरेश चौहान और महिपाल सिंह ने कहा कि गांव में बस का पहुंचना किसी सपने के सच होने जैसा है. उन्होंने कहा कि अब आने-जाने के लिए 16 किलोमीटर की दूरी पैदल नहीं नापनी पड़ेगी.

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