इन वजहों से छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न पर चुप रह जाती हैं लड़कियां

इन वजहों से छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न पर चुप रह जाती हैं लड़कियां

नई दिल्ली: भारत में यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की घटनाएं हर दिन होती हैं. तमाम लड़कियों को इन समस्याओं से जूझना होता है, लेकिन वो इस बारे में किसी से चर्चा नहीं कर पातीं. अपने घर पर भी नहीं. World of india’s girls report के मुताबिक निम्नलिखित वजहों से लड़कियां खुद से हो रहे अपराध के बारे में चुप्पी साधे रखती हैं. खास बात ये है कि इस रिपोर्ट से पता चलता है कि यौन अपराधों के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों के मुकाबले शहरी इलाकों की लड़कियां ज्यादा चुप्पी साधती हैं. जबकि, शहरों में गांवों के मुकाबले ज्यादा शिक्षित लोग रहते हैं.

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घरवाले कहेंगे कि तुमने सावधानी क्यों नहीं बरती

शहरी – 35%

ग्रामीण – 20%

ऐसा होने के लिए हमें ही दोष देंगे

शहरी – 44%

ग्रामीण – 38%

घर से निकलना बंद करा देंगे

शहरी – 49%

ग्रामीण – 36%

स्कूल या नौकरी से हटाकर घर पर बिठा दिया जाएगा

शहरी – 24%

ग्रामीण – 25%

घरवाले हमें बचाने के लिए जल्दी ही शादी करा देंगे

शहरी – 28%

ग्रामीण – 18%

घरवाले जानकर भी अनसुना कर देंगे

शहरी – 9%

ग्रामीण – 5%

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