22 साल पहले फोर्टिस हेल्थकेयर (FORTIS HEALTHCARE) बनाकर करोड़ों की हॉस्पीटल(HOSPITAL) चेन खड़ी करने वाले दो भाईयों में मारपीट का मामला सामने आया है। बड़े भाई ने छोटे भाई पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो (VIDEO) सोशल मीडिया में वायरल (VIRAL)किया है। जिसमें वो अपनी चोट दिखा रहे हैं।
दोनों भाईयों में विवाद इसी साल फरवरी में तब शुरु हुआ था जब बड़े भाई ने छोटे पर 500 करोड़ बिना बोर्ड की मीटिंग के निकाल लिए थे। जिसके बाद दोनों में जमकर विवाद हुआ। दोनों पुलिस और अदालत तक जा चुके हैं। फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर भाइयों मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह के बीच ये झगड़ा 5 दिसंबर को हुआ। बड़े भाई मलविंदर ने आरोप लगाया है कि शिविंदर ने उन पर हमला किया। वहीं आरोपी शिविंदर ने उल्टा आरोप लगाते हुए कहा कि मलविंदर ने उनसे मारपीट की।
वहीं मलविंदर ने वॉट्सऐप पर मारपीट के बाद चोटों के निशान दिखाते हुए तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में डाला। जिसमें मलविंदर ने आरोप लगाया कि 5 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे दिल्ली के 55, हनुमान रोड पर शिविंदर ने उनसे मारपीट की। शिविंदर ने उन्हें चोट पहुंचाई और धमकी भी दी।
संपत्ति को लेकर दोनों में विवाद
बताया जा रहा है कि दोनों भाईयों में बीते कुछ दिनों से विवाद चल रहा है। मलविंदर के मुताबिक छोटे भाई शिविंदर प्रियस रियल एस्टेट कंपनी की बोर्ड मीटिंग में दखल देने की कोशिश में थे। प्रियस ने गुरिंदर सिंह ढिल्लन की कंपनियों के साथ उनके परिवार को 2,000 करोड़ रुपए का कर्ज दे रखा है। ढिल्लन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आध्यात्मिक गुरु हैं, जिनके दोनों भाई और पूरा अनुयायी है।
2000 करोड़ के लिए भिड़े दोनों भाई
मलविंदर के मुताबिक ढिल्लन ग्रुप से पैसे की रिकवरी के लिए बोर्ड मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें शिविंदर ने ऑफिस पहुंचकर मीटिंग के दौरान हंगामा किया। उनके साथ हाथापाई की कोशिश की। जबकि शिविंदर प्रियस कंपनी के बोर्ड मेंबर भी नहीं हैं। वहीं शिविंदर ने कहा कि आरोप झूठे हैं। मलविंदर ने ही उन पर हमला किया था। उन्होंने पुलिस से भी कंप्लेन की थी। लेकिन, मां और परिवार के दूसरे सदस्यों के कहने पर शिकायत वापस ले ली।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दायर की थी याचिका
इससे पहले शिविंदर ने सितंबर में बड़े भाई मलविंदर पर फोर्टिस को डुबोने का आरोप लगाते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में याचिका दायर की थी। हालांकि, बाद में वापस ले ली थी। क्योंकि मां और परिवार के अन्य लोगों ने साथ मिल बैठकर विवाद सुलझाने की सलाह दी।
दोनों भाईयों ने खड़ी की कंपनी
शिविंदर और मलविंदर सिंह ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की शुरुआत की थी। आज देश भर में 10,000 बेड की क्षमता और 314 डायग्नोस्टिक सेंटर्स के साथ फोर्टिस 45 शहरों में अपनी सुविधाएं दे रहा है। फोर्टिस की शाखाएं आज दुबई, मॉरिशस और श्रीलंका में भी अपना नेटवर्क फैला रखा है।
फरवरी में फोर्टिस से अलग हुए थे दोनों भाई
फोर्टिस हॉस्पीटल को सबसे बड़ी उपलब्धि उस वक्त मिली जब 2016 में दोनों भाइयों को फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में 92वें नंबर पर जगह मिली। उस वक्त दोनों की संपत्ति करीब 8,864 करोड़ रुपए थी। साल 2018 के फरवरी महीने में शिविंदर और मलविंदर सिंह पर आरोप लगा कि उन्होंने कंपनी बोर्ड के अप्रूवल के बिना 500 करोड़ रुपए निकाल लिए। फरवरी 2018 तक मलविंदर फोर्टिस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और शिविंदर नॉन-एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन थे।