Haldwani Protest: उत्तराखंड हाई कोर्ट के हल्द्वानी अतिक्रमण हटाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, गफूर बस्ती में अब नहीं चलेगा बुलडोजर

Haldwani Protest: उत्तराखंड हाई कोर्ट के हल्द्वानी अतिक्रमण हटाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, गफूर बस्ती में अब नहीं चलेगा बुलडोजर

Haldwani Protest: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भमि से कब्जा हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दिया है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस तलब किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को नियत की गई है. चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ती एस.ए. नजीर और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण द्वारा केस का उल्लेख करने के बाद सुनवाई के लिए इजाजात दी है.

27 दिसंबर को आया था हाई कोर्ट का फैसला 

हल्द्वानी के बनभूलपुरा और गफूर बस्ती में 4365 परिवार अतिक्रणकारी बताए गए हैं और इन्हीं को हटाया जाना है. साल 2007 में कब्जा हटाने पर हंगामा खडा हो गया था. तब इस मसले पर सियासत हावी होने के साथ-साथ मामला सर्वोच्च न्यायालय तक भी पहुंच गया था. उसके बाद केस ठंडे बस्ते में चला गया. इधर, 2013 में उच्च न्यायालय  में हल्द्वानी के गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने जनहित याचिका दाखिल की. इस बीच पीआईएल में संशोधन के साथ चली सुनवाई के बाद 27 दिसंबर को उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कब्जा हटाने संबंधी सख्त आदेश दिए हैं. इसी क्रम में इज्जतनगर मंडल रेलवे, नैनीताल जिला प्रशासन और पुलिस व्यापक तैयारियों में जुटी है.

35 हिंदू परिवार भी अतिक्रमणकारियों में शामिल 

एक जनवरी को रेलवे ने सार्वजनिक नोटिस और दो जनवरी को मुनादी कराते हुए एक हफ्ते में सभी अतिक्रमणकारियों को कब्जा हटा लेने की हिदायत दे दी है. इधर, अन्यत्र बसाए जाने की मांग और कब्जा हटाने के विरोध में स्थानीय लोग लगातार धरना, प्रदर्शन और कैंडल मार्च भी निकाल रहे हैं. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी एवं एआइएमआइएम सहित कई राजनितिक पार्टियां सभाएं कर रही हैं. स्थानीय महिलाएं व बच्चों के माध्यम से मसला उठाते हुए सड़कों पर दुआ व नमाज अता की जा रही है. बनभूलपुरा व गफूर बस्ती मुस्लिम बहुल इलाका हैं लेकिन कब्जे की जद में मात्र यही समुदाय नहीं है. 35 हिंदू परिवार भी अतिक्रमणकारियों में शामिल हैं. सभी लोग घरों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. कब्जा वाले क्षेत्रों में लोगों के घरों का आकलन व गतिविधियों की निगरानी एलआइयू कर रही हैं.

Previous articleBanda Accident: यूपी के बांदा में कंझावला जैसी घटना, ट्रक ने स्कूटी सवार महिला को 3 किलोमीटर तक घसीटा, गई जान
Next articleBihar: मदरसे में नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप में मौलवी अरेस्ट, वीडियो बनाकर करता था ब्लैकमेल